महामारी अधिनियम १८९७
धारा ४ :
अधिनियम के अधीन कार्य करने वाले व्यक्तियों का संरक्षण :
कोई भी वाद या अन्य विधिक कार्यवाही ऐसी किसी भी बात के बारे में, जो इस अधिनियम के अधीन सद्भावपूर्वक की गई है या की जाने के लिए आशयित है, किसी व्यक्ति के विरुद्ध नहीं होगी ।
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