भारतीय साक्ष्य अधिनियम १८७२
अध्याय ११ :
साक्ष्य के अनुचित ग्रहण और अग्रहण के विषय में :
धारा १६७ :
साक्ष्य के अनुचित ग्रहण या अग्रहण के लिए नवीन विचारण नहीं होगा :
साक्ष्य का अनुचित ग्रहण या अग्रहण स्वयंमेव किसी भी मामलें में नवीन विचारण के लिए या किसी विनिश्चय के उलटे जाने के लिए आधार नहीं होगा, यदि उस न्यायालय को जिसके समक्ष ऐसा आक्षेप उठाया गया है, यह प्रतीत हो कि आक्षिप्त और गृहीत उस साक्ष्य के बिना भी विनिश्चय के न्यायोचित ठहराने के लिए यथेष्ट साक्ष्य था अथवा यह कि यदि अगृहीत साक्ष्य लिया भी गया होता, तो उससे विनिश्चय में फेरफार न होना चाहिए था ।
अनुसूची -
अधिनियमितियाँ निरसित, निरसन अधिनियम, १९३८ (१९३८ का १) की धारा २ और अनुसूची द्वारा निरसित ।
Indian Evidence Act 1872 hindi section 167, section 167 The Evidence Act 1872 Hindi.
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