Categories: "Indian Laws in Hindi"
धारा २७६ : औषधि का भिन्न औषधि या निर्मिती के तौर पर ..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा २७६ : औषधि का भिन्न औषधि या निर्मिती के तौर पर विक्रय : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : किसी ओषधि या भेषजीय निर्मिति को भिन्न ओषधि या भेषजीय निर्मिति के रुप में, जानते हुए, बेचना या ओषधालय से देना । दण्ड :छह मास के लिए… more »
धारा २७५ : अपमिश्रित (मिलावट) औषधियों का विक्रय (बिक्री) :
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा २७५ : अपमिश्रित (मिलावट) औषधियों का विक्रय (बिक्री) : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : किसी ओषधि या भेषजीय निर्मिति को जिसके बारे में ज्ञात है कि वह अपमिश्रित है बेचने की प्रस्थापना करना या ओषधालय से देना । दण्ड :छह मास के… more »
धारा २७४ : औषधियों का अपमिश्रण (मिलावट) :
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा २७४ : औषधियों का अपमिश्रण (मिलावट) : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : विक्रय के लिए आशयित किसी ओषधि या भेषजीय निर्मिति का ऐसा अपमिश्रण जिससे उसकी प्रभावकारिता कम हो जाए या उसकी क्रिया बदल जाए या वह अपायकर हो जाए । दण्ड :छह… more »
धारा २७३ : अपायकर खाद्य या पेय का विक्रय :
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा २७३ : अपायकर खाद्य या पेय का विक्रय : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : खाद्य और पेय के रुप में किसी खाद्य और पेय को, यह जानते हुए कि वह अपायकर है, बेचना । दण्ड :छह मास के लिए कारावास, या एक हजार रुपए का जुर्माना, या दोनों।… more »
धारा २७२ : विक्रय (बेचने) के लिए आशयित खाद्य या पेय का ..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा २७२ : विक्रय (बेचने) के लिए आशयित खाद्य या पेय का अपमिश्रण (मिलावट) : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : विक्रय के लिए आशयित खाद्य या पेय का ऐसा अपमिश्रण जिससे वह अपायकर बन जाए । दण्ड :छह मास के लिए कारावास, या एक हजार रुपए… more »
धारा २७१ : करंतीन ( निरोधा / स्पर्शवर्जन ) के नियम की..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा २७१ : करंतीन ( निरोधा / स्पर्शवर्जन / छूना नहीं) के नियम की अवज्ञा : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : किसी करन्तीन के नियम की जानते हुए अवज्ञा । दण्ड :छह मास के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों। संज्ञेय या असंज्ञेय… more »
धारा २७० : परिद्वेषपूर्ण कार्य जिससे जीवन के लिए संकट..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा २७० : परिद्वेषपूर्ण (द्वेषपूर्वक) कार्य जिससे जीवन के लिए संकटपूर्ण रोग का संक्रम फैलना संभाव्य हो : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : परिद्वेष से ऐसा कोई कार्य करना जिसके बारे में ज्ञात है कि उससे जीवन के लिए संकटपूर्ण… more »
धारा २६९ : उपेक्षापूर्ण (लापरवाही) कार्य जिससे जीवन के लिए..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा २६९ : उपेक्षापूर्ण (लापरवाही) कार्य जिससे जीवन के लिए संकटपूर्ण रोग का संग्रम फैलना संभाव्य हो : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : उपेक्षा से कोई ऐसा कार्य करना जिसके बारे में ज्ञात है कि उससे जीवन के लिए संकटपूर्ण किसी रोग… more »
धारा २६८ : लोक न्यूसेंस (कंटक / उपताप / व्याधा) :
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : अध्याय १४ : लोक स्वास्थ्य, क्षेम (सुरक्षा) सुवधिा, शिष्टता और सदाचार पर प्रभाव डालने वाले अपराधों के विषय में : धारा २६८ : लोक न्यूसेंस (कंटक / उपताप / व्याधा) : वह व्यक्ती लोक न्यूसेंस (कंटक/उपताप) का दोषी है, जो कोई ऐसा… more »
धारा २६७ : खोटे बाट (वजन) या माप को बनाना या बेचना :
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा २६७ : खोटे बाट (वजन) या माप को बनाना या बेचना : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : खोटे बाटों या मापों को कपटपूर्वक उपयोग के लिए बनाना या बेचना । दण्ड :एक वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों। संज्ञेय या असंज्ञेय… more »