Category: "दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३"
धारा २२६ : अभियोजन के मामले में कथन का प्रारंभ :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय १८ : सेशन न्यायालय के समक्ष विचारण : धारा २२६ : अभियोजन के मामले में कथन का प्रारंभ : जब अभियुक्त धारा २०९ के अधीन मामले की सुपुर्दगी के अनुसरण में न्यायालय के समक्ष हाजिर होता है या लाया जाता है तब अभियोजक अपने मामले… more »
धारा २२५ : विचारण का संचालन लोक अभियोजक द्वारा किया जाना :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय १८ : सेशन न्यायालय के समक्ष विचारण : धारा २२५ : विचारण का संचालन लोक अभियोजक द्वारा किया जाना : सेशन न्यायालय के समक्ष प्रत्येक विचारण में, अभियोजन का संचालन लोक अभियोजक द्वारा किया जाएगा । Code of Criminal Procedure… more »
धारा २२४ : कई आरोपों में से एक के लिए दोषसिद्ध पर शेष आरोपों ..
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय १७ : ख - आरोपों का संयोजन : धारा २२४ : कई आरोपों में से एक के लिए दोषसिद्ध पर शेष आरोपों का वापस लेना : जब एक ही व्यक्ति के विरुद्ध ऐसा आरोप विरचित किया जाता है जिसमें एक से अधिक शीर्ष है और जब उनमें से एक या अधिक के… more »
धारा २२३ : किन व्यकियों पर संयुक्त रुप से आरोप लगाया ..
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय १७ : ख - आरोपों का संयोजन : धारा २२३ : किन व्यकियों पर संयुक्त रुप से आरोप लगाया जा सकेगा : निम्नलिखित व्यक्तियों पर एक साथ आरोप लगाया जा सकेगा और उनका एक साथ विचारण किया जा सकेगा, अर्थात् - क)वे व्यक्ति जिन पर एक ही… more »
धारा २२२ : जब वह अपराध, जो साबित हुआ है, आरोपित ..
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय १७ : ख - आरोपों का संयोजन : धारा २२२ : जब वह अपराध, जो साबित हुआ है, आरोपित अपराध के अन्तर्गत है : १)जब किसी व्यक्ति पर ऐसे अपराध का आरोप है जिसमें कई विशिष्टियाँ है, जिनमें से केवल कुछ के संयोग से एक पूरा छोटा अपराध… more »
धारा २२१ : जहाँ इस बारे में संदेह है कि कौन-सा अपराध ...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय १७ : ख - आरोपों का संयोजन : धारा २२१ : जहाँ इस बारे में संदेह है कि कौन-सा अपराध किया गया है : १)यदि कोई एक कार्य या कार्यों का क्रम इस प्रकार का है कि यह संदेह है कि उन तथ्यों से, जो सिद्ध किए जा सकते है, कई अपराधों… more »
धारा २२० : एक से अधिक अपराधों के लिए विचारण :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय १७ : ख - आरोपों का संयोजन : धारा २२० : एक से अधिक अपराधों के लिए विचारण : १)यदि परस्पर संबद्ध ऐसे कार्यो के, जिनसे एक ही संव्यवहार बनता है, एक क्रम में एक से अधिक अपराध एक ही व्यक्ति द्वारा किए गए हैं तो ऐसे प्रत्येक… more »
धारा २१९ : एक ही वर्ष में किए गए एक ही किस्म के तीन...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय १७ : ख - आरोपों का संयोजन : धारा २१९ : एक ही वर्ष में किए गए एक ही किस्म के तीन अपराधों का आरोप एक साथ लगाया जा सकेगा : १)जब किसी व्यक्ती पर एक ही किस्म के ऐसे एक से अधिक अपराधों का अभियोग है जो उन अपराधों में से पहले… more »
धारा २१८ : सुभिन्न अपराधों के लिए पृथक् आरोप :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय १७ : ख - आरोपों का संयोजन : धारा २१८ : सुभिन्न अपराधों के लिए पृथक् आरोप : १)प्रत्येक सुभिन्न अपराध के लिए, जिसका किसी व्यक्ति पर अभियोग है, पृथक् आरोप होगा और ऐसे प्रत्येक आरोप का विचारण पृथक्त: किया जाएगा : परन्तु… more »
धारा २१७ : जब आरोप परिवर्तित किया जाता है तब साक्षियों ...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय १७ : आरोप : क - आरोपों का प्ररुप : धारा २१७ : जब आरोप परिवर्तित किया जाता है तब साक्षियों को पुन:बुलाया जाना : जब कभी विचारण प्रारंभ होने के पश्चात् न्यायालय द्वारा आरोप परिवर्तित या परिवर्धित किया जाता है तब अभियोजक और… more »