Category: "दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३"
धारा २०६ : छोटे अपराधों के मामले में विशेष समन :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय १६ : मजिस्ट्रेट के समक्ष कार्यवाही का प्रारंभ किया जाना : धारा २०६ : छोटे अपराधों के मामले में विशेष समन : १)यदि किसी छोटे अपराध का संज्ञान करने वाले मजिस्ट्रेट की राय में मामले को धारा २६० या धारा २६१ के अधीन संक्षेपत:… more »
धारा २०५ : मजिस्ट्रेट का अभियुक्त को वैयक्तिक हाजिरी से..
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय १६ : मजिस्ट्रेट के समक्ष कार्यवाही का प्रारंभ किया जाना : धारा २०५ : मजिस्ट्रेट का अभियुक्त को वैयक्तिक हाजिरी से अभिमुक्ति दे सकना : १)जब कभी कोई मजिस्ट्रेट समन जारी करता है तब यदि उसे ऐसा करने का कारण प्रतीत होता है… more »
धारा २०४ : आदेशिका का जारी किया जाना :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय १६ : मजिस्ट्रेट के समक्ष कार्यवाही का प्रारंभ किया जाना : धारा २०४ : आदेशिका का जारी किया जाना : १)यदि किसी अपराध का संज्ञान करने वाले मजिस्ट्रेट की राय में कार्यवाही करेन के लिए पर्याप्त आधार है और - क)मामला समन-मामला… more »
धारा २०३ : परिवाद का खारिज किया जाना :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय १५ : मजिस्ट्रेटों से परिवाद : धारा २०३ : परिवाद का खारिज किया जाना : यदि परिवादी के और साक्षियों के शपथ पर किए गए कथन पर (यदि कोई हो), और धारा २०२ के अधीन जाँच अन्वेषण (यदि कोई हो) परिणाम पर विचार करने के पश्चात्… more »
धारा २०२ : आदेशिका के जारी किए जाने को मुल्तवी (आगे..
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय १५ : मजिस्ट्रेटों से परिवाद : धारा २०२ : आदेशिका के जारी किए जाने को मुल्तवी (आगे बढाना) करना : १)यदि कोई मजिस्ट्रेट ऐसे अपराध का परिवाद प्राप्त करने पर, जिसका संज्ञान करने के लिए वह प्राधिकृत है या जो धारा १९२ के अधीन… more »
धारा २०१ : ऐसे मजिस्ट्रेट द्वारा प्रक्रिया जो मामले का संज्ञान ..
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय १५ : मजिस्ट्रेटों से परिवाद : धारा २०१ : ऐसे मजिस्ट्रेट द्वारा प्रक्रिया जो मामले का संज्ञान करने के लिए सक्षम नहीं है : यदि परिवाद ऐसे मजिस्ट्रेट को किया जाता है जो उस अपराध का संज्ञान करने के लिए सक्षम नहीं है, तो-… more »
धारा २०० : परिवादी की परीक्षा :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय १५ : मजिस्ट्रेटों से परिवाद : धारा २०० : परिवादी की परीक्षा : परिवाद पर किसी अपराध का संज्ञान करने वाला मजिस्ट्रेट, परिवादी की और यदि कोई साक्षी उपस्थित है तो उनकी शपथ पर परीक्षा करेगा और ऐसी परीक्षा का सारांश लेखबद्ध… more »
धारा १९९ : मानहानि के लिए अभियोजन :
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय १४ : कार्यवाहियाँ शुरु करने के लिए अपेक्षित शर्तें : धारा १९९ : मानहानि के लिए अभियोजन : १)कोई न्यायालय भारतीय दण्ड संहिता, १८६० (१८६० का ४५) के अध्याय २१ के अधीन दण्डनीय अपराध का संज्ञान ऐसे अपराध से व्यथित किसी… more »
धारा १९८-ख : अपराध का संज्ञान : कोई ..
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय १४ : कार्यवाहियाँ शुरु करने के लिए अपेक्षित शर्तें : धारा १९८-ख : अपराध का संज्ञान : कोई न्यायालय भारतीय दण्ड संहिता, १८६० (१८६० का ४५) की धारा ३७६-ख के अधीन दण्डनीय किसी अपराद का, जहाँ व्यक्तियों में वैवाहिक संबंध है,… more »
धारा १९८-क : भारतीय दण्ड संहिता, १८६० की धारा ४९८-क के...
दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ अध्याय १४ : कार्यवाहियाँ शुरु करने के लिए अपेक्षित शर्तें : धारा १९८-क : भारतीय दण्ड संहिता, १८६० की धारा ४९८-क के अधीन अपराधों का अभियोजन : कोई न्यायालय भारतीय दण्ड संहिता, १८६० (१८६० का ४५) की धारा ४९८-क के अधीन दण्डनीय… more »