Category: "ओषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम १९४०"
धारा ३३ टक : १.(विनिर्माता, आदि के नाम का प्रकटन :
ओषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम १९४० धारा ३३ टक : १.(विनिर्माता, आदि के नाम का प्रकटन : ऐसा प्रत्येक व्यक्ति, जो किसी आयुर्वेदिक, सिद्ध या यूनानी ओषधि का विनिर्माता या उसके वितरण के लिए उसका अभिकर्ता नहीं है, यदि उससे ऐसी अपेक्षा की जाए, निरीक्षक को उस… more »
धारा ३३ट : अधिहरण :
ओषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम १९४० धारा ३३ट : अधिहरण : जहां कोई व्यक्ति इस अध्याय के अधीन सिद्धदोष किया गया है वहां उस १.(आयुर्वेदिक, सिद्ध या यूनानी) औषधि का स्टॉक जिसके सम्बन्ध में उल्लंघन हुआ है अधिहरणीय होगा। --------- १. १९८२ के अधिनियम सं० ६८ की… more »
धारा ३३ञ : पश्चात्वर्ती अपराधों के लिए शास्ति :
ओषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम १९४० धारा ३३ञ : पश्चात्वर्ती अपराधों के लिए शास्ति : जो कोई- (क) धारा ३३झ की उपधारा (१) के खण्ड (क) के अधीन किसी अपराध का सिद्धदोष ठहराए जाने पर, उस खण्ड के अधीन किसी अपराध का पुन: सिद्धदोष ठहराया जाएगा, वह कारावास से जो… more »
धारा ३३झ : २.(इस अध्याय के उल्लंघन में आयुर्वेदिक, सिद्ध ..
ओषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम १९४० धारा ३३झ : २.(इस अध्याय के उल्लंघन में आयुर्वेदिक, सिद्ध या यूनानी ओषधि के विनिर्माण, विक्रय आदि के लिए शास्ति : जो कोई स्वयं या अपनी ओर से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा,- (१) ३.(क) किसी आयुर्वेदिक, सिद्ध या यूनानी औषधि… more »
धारा ३३ज : धारा २२, २३, २४ और २५ के उपबन्धों का लागू होना :
ओषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम १९४० धारा ३३ज : धारा २२, २३, २४ और २५ के उपबन्धों का लागू होना : धारा २२, २३, २४ और २५ के उपबन्ध और तद्धीन बनाए गए नियम, यदि कोई हों, इस अध्याय के अधीन नियुक्त निरीक्षक और सरकारी विश्लेषक के सम्बन्ध में इस उपान्तर के… more »
धारा ३३छ : निरीक्षक :
ओषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम १९४० धारा ३३छ : निरीक्षक : (१) केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार, शासकीय राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, विहित अर्हताओं वाले ऐसे व्यक्तियों को, जिन्हें वह ठीक समझती है, ऐसे क्षेत्रों के लिए निरीक्षक नियुक्त कर सकेगी जो उन्हें,… more »
धारा ३३च : सरकारी विश्लेषक :
ओषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम १९४० धारा ३३च : सरकारी विश्लेषक : (१) केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार, शासकीय राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, विहित अर्हताओं वाले ऐसे व्यक्तियों को, जिन्हें वह ठीक समझती है, ऐसे क्षेत्रों के लिए सरकारी विश्लेषक नियुक्त कर… more »
धारा ३३ङङघ : लोक हित में आयुर्वेदिक, सिद्ध या यूनानी ओषधि..
ओषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम १९४० धारा ३३ङङघ : लोक हित में आयुर्वेदिक, सिद्ध या यूनानी ओषधि का विनिर्माण प्रतिषिद्ध करने की केन्द्रीय सरकार की शक्ति : इस अध्याय के किसी अन्य उपबन्ध पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, यदि केन्द्रीय सरकार का अपने समक्ष… more »
धारा ३३ङङग : कतिपय आयुर्वेदिक, सिद्ध और यूनानी ओषधियों..
ओषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम १९४० धारा ३३ङङग : कतिपय आयुर्वेदिक, सिद्ध और यूनानी ओषधियों के विनिर्माण और विक्रय का प्रतिषेध : उस तारीख से जो राज्य सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा इस निमित्त विनिर्दिष्ट करे, कोई भी व्यक्ति स्वयं या अपनी ओर से किसी… more »
धारा ३३ङङख : आयुर्वेदिक, सिद्ध और यूनानी ओषधियों के विक्रय..
ओषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम १९४० धारा ३३ङङख : आयुर्वेदिक, सिद्ध और यूनानी ओषधियों के विक्रय अर्थ विनिर्माण का विनियमन : कोई भी व्यक्ति किसी आयुर्वेदिक, सिद्ध या यूनानी औषधि का विक्रयार्थ या वितरणार्थ विनिर्माण ऐसे मानकों के, यदि कोई हों, जो उस ओषधि… more »