Category: "ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८"
धारा ३० : भारतीय साक्ष्य अधिनियम, १८७२ का लागू होना :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा ३० : भारतीय साक्ष्य अधिनियम, १८७२ का लागू होना : ग्राम न्यायालय साक्ष्य के रूप में ऐसी किसी रिपोर्ट, कथन, दस्तावेज, सूचना या विषय को ग्रहण कर सकेगा जो, उसकी राय में, किसी विवाद को प्रभावी रूप से निपटाने में उसकी सहायता… more »
धारा २९ : कार्यवाहियों का राज्य की राजभाषा में होना :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ अध्याय ६ : साधाराणत: प्रक्रिया : धारा २९ : कार्यवाहियों का राज्य की राजभाषा में होना : ग्राम न्यायालय के समक्ष कार्यवाहियां और उसका निर्णय, जहां तक व्यवहार्य हो, अंग्रेजी भाषा से भिन्न राज्य की राजभाषाओं में से किसी एक में… more »
धारा २८ : सिविल विवादों को अंतरण :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा २८ : सिविल विवादों को अंतरण : अधिकारिता रखने वाला जिला न्यायालय, किसी प्रक्षकार द्वारा किए गए आवेदन पर या जब किसी एक ग्राम न्यायालय के पास काफी मामले लंबित हों या जब कभी वह न्याय के हित में ऐसा आवश्यक समझे, किसी ग्राम… more »
धारा २७ : सुलहकारों की नियुक्ति :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा २७ : सुलहकारों की नियुक्ति : १) धारा २६ के प्रयोजनों के लिए, जिला न्यायालय, जिला मजिस्ट्रेट के परामर्श से, सुलहकारों के रूप में नियुक्ति के लिए ग्राम स्तर पर सत्यनिष्ठा रखने वाले ऐसे सामाजिक कार्यकर्ताओं के नामों का एक… more »
धारा २६ : सिविल विवादों के सुलह और समझौते के लिए प्रयास..
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा २६ : सिविल विवादों के सुलह और समझौते के लिए प्रयास करने का ग्राम न्यायालय का कर्तव्य : १) प्रत्येक वाद या कार्यवाही में ग्राम न्यायालय द्वारा प्रथम अवसर पर यह प्रयास किया जाएगा कि जहां मामले की प्रकृति और परिस्थितियों से… more »
धारा २५ : ग्राम न्यायालय की डिक्रियों और आदेशों का..
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा २५ : ग्राम न्यायालय की डिक्रियों और आदेशों का निष्पादन : १) सिविल प्रक्रिया संहिता, १९०८ (१९०८ का ५) में किसी बात के होते हुए भी, ग्राम न्यायालय द्वारा पारित निर्णय एक डिक्री समझा जाएगा और उसका निष्पादन ग्राम न्यायालय… more »
धारा २४ : सिविल विवादों में विशेष प्रक्रिया :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा २४ : सिविल विवादों में विशेष प्रक्रिया : १) तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि में किसी बात के होते हुए भी, इस अधिनियम के अधीन प्रत्येक वाद, दावा या विवाद ग्राम न्यायालय में ऐसे प्ररूप में, ऐसी रीति में और एक सौ रूपए से… more »
धारा २३ : सिविल कार्यवाहियों अधिनियम का अध्यारोही प्रभाव :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ अध्याय ५ : सिविल मामलों में प्रक्रिया : धारा २३ : सिविल कार्यवाहियों अधिनियम का अध्यारोही प्रभाव : इस अधिनियम के उपबंध, सिविल प्रक्रिया संहिता, १९०८ (१९०८ का ५) या किसी अन्य विधि में किसी बात के होते हुए भी प्रभावी होेंगे,… more »
धारा २२ : निर्णय का सुनाया जाना :
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा २२ : निर्णय का सुनाया जाना : १) प्रत्येक विचारण में निर्णय, न्यायालधिकारी द्वारा विचारण के समाप्त होने के ठीक पश्चात् या पन्द्रह दिन से अनधिक ऐसे किसी पश्चात्वर्ती समय पर, जिसकी सूचना पक्षकरों को दी जाएगी, खुले न्यायालय… more »
धारा २१ : ग्राम न्यायालय में मामलों का संचालन और..
ग्राम न्यायालय अधिनियम २००८ धारा २१ : ग्राम न्यायालय में मामलों का संचालन और पक्षकारों को विधिक सहायता : १)सरकार की ओर से ग्राम न्यायालय में दांडिक मामलों का संचालन करने के प्रयोजन के लिए दंड प्रक्रिया संहिता, १९७३(१९७४ का २) की धारा २५ के उपबंध लागू… more »