Category: "भारतीय साक्ष्य अधिनियम १८७२"
धारा ४४ : निणय अभिप्राप्त करने में कपट या दुस्संधि अथवा..
भारतीय साक्ष्य अधिनियम १८७२ अध्याय २ : न्यायालयों के निर्णय कब सुसंगत है : धारा ४४ : निणय अभिप्राप्त करने में कपट या दुस्संधि अथवा न्यायालय की अक्षमता साबित की जा सकेगी : वाद या अन्य कार्यवाही का कोई भी पक्षकार यह दर्शित कर सकेगा कि कोई निर्णय, आदेश या… more »
धारा ४३ : धाराओं ४० से ४२ में वर्णित से भिन्न निर्णय..
भारतीय साक्ष्य अधिनियम १८७२ अध्याय २ : न्यायालयों के निर्णय कब सुसंगत है : धारा ४३ : धाराओं ४० से ४२ में वर्णित से भिन्न निर्णय आदि कब सुसंगत है : धाराएँ ४०, ४१ और ४२ में वर्णित भिन्न निर्णय, आदेश या डिक्रियाँ विसंगत है जब तक कि ऐसे निर्णय, आदेश या… more »
धारा ४२ : धारा ४१ में वर्णित भिन्न निर्णयों, आदेशों या..
भारतीय साक्ष्य अधिनियम १८७२ अध्याय २ : न्यायालयों के निर्णय कब सुसंगत है : धारा ४२ : धारा ४१ में वर्णित भिन्न निर्णयों, आदेशों या डिक्रियों की सुसंगति और प्रभाव : वे निर्णय, आदेश या डिक्रियाँ जो धार ४१ में वर्णित से भिन्न है, यदि वे जाँच में सुसंगत लोक… more »
धारा ४१ : प्रोबेट (संप्रभाव /वसीयतनामा) इत्यादि विषयक...
भारतीय साक्ष्य अधिनियम १८७२ अध्याय २ : न्यायालयों के निर्णय कब सुसंगत है : धारा ४१ : प्रोबेट (संप्रभाव /वसीयतनामा) इत्यादि विषयक अधिकारिता के किन्हीं निर्णयों की सुसंगति : किसी सक्षम न्यायालय के प्रोबेट विषयक, विवाह विषयक, नावधिकरण (जल सेना से संबंधित)… more »
धारा ४० : द्वितीय वाद या विचारण के वारणार्थ (वर्जन...
भारतीय साक्ष्य अधिनियम १८७२ अध्याय २ : न्यायालयों के निर्णय कब सुसंगत है : धारा ४० : द्वितीय वाद या विचारण के वारणार्थ (वर्जन योग्य) पूर्व निर्णय सुसंगत है : किसी ऐसे निर्णय, आदेश या डिक्री का अस्तित्व, जो किसी न्यायालय को किसी वाद के संज्ञान से या कोई… more »
धारा ३९ : जबकि कथन किसी बातचीत, दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक...
भारतीय साक्ष्य अधिनियम १८७२ अध्याय २ : किसी कथन में से कितना साबित किया जाए : धारा ३९ : जबकि कथन किसी बातचीत, दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख, पुस्तक अथवा पत्रों या कागज-पत्रों की आवली (क्रमबद्धत) का भाग हो, तब क्या साक्ष्य दिया जाए : जबकि कोई कथन, जिसका… more »
धारा ३८ : विधि की पुस्तकों में अंतर्विष्ट किसी विधि के..
भारतीय साक्ष्य अधिनियम १८७२ अध्याय २ : विशेष परिस्थितियों में किए गए कथन : धारा ३८ : विधि की पुस्तकों में अंतर्विष्ट किसी विधि के कथनों की सुसंगति : जबकि न्यायालय को किसी देश की विधि के बारे में राय बनानी है, तब ऐसी विधि का कोई भी कथन, जो ऐसी किसी… more »
धारा ३७ : किन्हीं अधिनियमों या अधिसूचनाओं में अंतर्विष्ट..
भारतीय साक्ष्य अधिनियम १८७२ अध्याय २ : विशेष परिस्थितियों में किए गए कथन : धारा ३७ : किन्हीं अधिनियमों या अधिसूचनाओं में अंतर्विष्ट लोक प्रकृति के तथ्य के बारे में कथन की सुसंगति : जबकि न्यायालय को किसी लोक प्रकृति के तथ्य के अस्तित्व के बारे में राय… more »
धारा ३६ : मानचित्रों, चार्टों और रेखांको के कथनों की..
भारतीय साक्ष्य अधिनियम १८७२ अध्याय २ : विशेष परिस्थितियों में किए गए कथन : धारा ३६ : मानचित्रों, चार्टों और रेखांको के कथनों की सुसंगति : विवाद्यक तथ्यों या सुसंगत तथ्यों के वे कथन, जो प्रकाशित मानचित्रों या चार्टों में, जो लोक विक्रय के लिए साधारणत:… more »
धारा ३५ : कर्तव्य पालन में की गई लोक अभिलेख या...
भारतीय साक्ष्य अधिनियम १८७२ अध्याय २ : विशेष परिस्थितियों में किए गए कथन : धारा ३५ : कर्तव्य पालन में की गई लोक अभिलेख या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख की प्रविष्टियों की सुसंगति : किसी लोक या अन्य राजकिय पुस्तक, रजिस्टर या अभिलेख या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख में की गई… more »