Category: "भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी"
धारा ४११ : चुराई हुई संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करना :
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ४११ : चुराई हुई संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करना : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : चुराई हुई संपत्ति को उसे चुराई हुई जाने हुए बेईमानी से प्राप्त करना । दण्ड :तीन वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनो। संज्ञेय या… more »
धारा ४१० : चुराई हुई संपत्ति : जिसका कब्जा..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : अध्याय १७ : चुराई हुई संपत्ति प्राप्त करने के विषय में : धारा ४१० : चुराई हुई संपत्ति : जिसका कब्जा चोरी द्वारा या उद्यापन (बलातग्रहन) द्वारा या लूट द्वारा अन्तरित किया गया है, और वह संपत्ति, जिसका आपराधिक दुर्विनियोग किया… more »
धारा ४०९ : लोक सेवक, बैंकर, व्यापारी या अभिकर्ता द्वारा..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ४०९ : लोक सेवक, बैंकर, व्यापारी या अभिकर्ता द्वारा आपराधिक न्यासभंग (विश्वासघात) : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : लोक सेवक द्वारा या बैंककार, व्यापारी या अभिकर्ता, आदि द्वारा आपराधिक न्यासभंग । दण्ड :आजीवन कारावास, या दस… more »
धारा ४०८ : लिपिक या सेवक द्वारा आपराधिक न्यासभंग..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ४०८ : लिपिक या सेवक द्वारा आपराधिक न्यासभंग (विश्वासघात) : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : लिपिक या सेवक द्वारा आपराधिक न्यासभंग । दण्ड :सात वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना । संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय । जमानतीय या… more »
धारा ४०७ : वाहक, आदि द्वारा आपराधिक न्यासभंग ..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ४०७ : वाहक, आदि द्वारा आपराधिक न्यासभंग (विश्वासघात) : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : वाहक, घाटवाल, आदि द्वारा आपराधिक न्यासभंग । दण्ड :सात वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना । संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय । जमानतीय या… more »
धारा ४०६ : आपराधिक न्यासभंग (विश्वासघात) के लिए दण्ड :
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ४०६ : आपराधिक न्यासभंग (विश्वासघात) के लिए दण्ड : अपराधाचे वर्गीकरण : अपराध : आपराधिक न्यासभंग । शिक्षा : तीन वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों । संज्ञेय या असंज्ञेय :असंज्ञेय । जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय… more »
धारा ४०५ : आपराधिक न्यासभंग (विश्वासघात) :
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : अध्याय १७ : आपराधिक न्यासभंग (विश्वासघात) के विषय में : धारा ४०५ : आपराधिक न्यासभंग (विश्वासघात) : जो कोई संपत्ति या संपत्ति पर कोई अख्तयार किसी प्रकार अपने को न्यस्त (सौपना/सुपूर्द करना) किए जाने पर उस संपत्ति को बेईमानी… more »
धारा ४०४ : मृत व्यक्ती की मृत्यु के समय उसके कब्जे में..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ४०४ : मृत व्यक्ती की मृत्यु के समय उसके कब्जे में थी ऐसी संपत्ति का बेईमानी से दुर्विनियोग (गबन) : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : किसी सम्पत्ति का, यह जानते हुए बेईमानी से दुर्विनियोग कि वह मृत व्यक्ति के कब्जे में उसकी… more »
धारा ४०३ : सम्पत्ति का बेईमानी से दुर्विनियोग (गबन...
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : अध्याय १७ : सम्पत्ति के आपराधिक दुर्विनियोग(गबन/अपयोजन) के विषय में : धारा ४०३ : सम्पत्ति का बेईमानी से दुर्विनियोग (गबन/अपयोजन) : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : जंगम संपत्ति का बेईमानी से दुर्विनियोग या उसे अपने उपयोग के लिए… more »
धारा ४०२ : डकैती करने के प्रयोजन से एकत्रित होना :
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ४०२ : डकैती करने के प्रयोजन से एकत्रित होना : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : डकैती करने के प्रयोजन के लिए एकत्रित पांच या अधिक व्यक्तियों में से एक होना । दण्ड :सात वर्ष के लिए कठिन कारावास, और जुर्माना । संज्ञेय या… more »