Category: "भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी"
धारा ४५१ : कारावास से दण्डनीय अपराध को करने के लिए गृह..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ४५१ : कारावास से दण्डनीय अपराध को करने के लिए गृह अतिचार (अनधिकार प्रवेश) : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : कारावास से दंडनीय अपराध को करने के लिए गृह-अतिचार । दण्ड :दो वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना । संज्ञेय या… more »
धारा ४५० : आजीवन कारावास से दण्डनीय अपराध को करने के लिए...
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ४५० : आजीवन कारावास से दण्डनीय अपराध को करने के लिए गृह अतिचार (अनधिकार प्रवेश) : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : आजीवन कारावास से दंडनीय अपराध को करने के लिए गृह-अतिचार । दण्ड :दस वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।… more »
धारा ४४९ : मृत्यु से दण्डनीय अपराध को करने के लिए गृह अति..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ४४९ : मृत्यु से दण्डनीय अपराध को करने के लिए गृह अतिचार (अनधिकार प्रवेश) : अपराध का वर्गीकरण : दण्ड :आजीवन कारावास, या दस वर्ष के लिए कठिन कारावास, और जुर्माना । संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय । जमानतीय या अजमानतीय… more »
धारा ४४८ : गृह अतिचार (अनधिकार प्रवेश) के लिए दण्ड :
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ४४८ : गृह अतिचार (अनधिकार प्रवेश) के लिए दण्ड : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : गृह-अतिचार । दण्ड :एक वर्ष के लिए कारावास, या एक हजार रुपए का जुर्माना, या दोनो । संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय । जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय… more »
धारा ४४७ : आपराधिक अतिचार (अनधिकार प्रवेश) के लिए दण्ड :
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ४४७ : आपराधिक अतिचार (अनधिकार प्रवेश) के लिए दण्ड : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : आपराधिक अतिचार । दण्ड :तीन मास के लिए कारावास, या पाँच सौ रुपए का जुर्माना, या दोनो । संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय । जमानतीय या अजमानतीय… more »
धारा ४४६ : रात्रौ गृह भेदन : जो कोई..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ४४६ : रात्रौ गृह भेदन : जो कोई सूर्यास्त के पश्चात् और सूर्योदय के पूर्व गृह भेदन करता है, वह रात्रौ गृह भेदन करता है, यह कहा जाता है । #Ipc 1860 in Hindi section 446 #Section 446 of Indin Penal Code 1860 Hindi… more »
धारा ४४५ : गृह भेदन : जो व्यक्ती गृह..
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ४४५ : गृह भेदन : जो व्यक्ती गृह अतिचार करता है, वह गृह भेदन करता है, यह कहा जाता है, यदि वह उस गृह में या उसके किसी भाग में एतस्मिन् (इसमे इसके) पश्चात वर्णित छह तरीकों में से किसी तरीके से प्रवेश करता है अथवा यदि वह… more »
धारा ४४४ : रात्रौ प्रच्छन्न (गुप्त) गृह अतिचार(अनधिकार प्रवेश) :
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ४४४ : रात्रौ प्रच्छन्न (गुप्त) गृह अतिचार(अनधिकार प्रवेश) : जो कोई सुर्यास्त के पश्चात् और सुर्योदर से पूर्व प्रच्छन्न (गुप्त) गृह अतिचार करता है, वह रात्रौ प्रच्छन्न (गुप्त) अतिचार करता है, यह कहा जाता है । #Ipc 1860… more »
धारा ४४३ : प्रच्छन्न (गुप्त) गृह अतिचार(अनधिकार प्रवेश) :
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ४४३ : प्रच्छन्न (गुप्त) गृह अतिचार(अनधिकार प्रवेश) : जा कोई यह पूर्वावधानी बरतने के पश्चात् गृह अतिचार करता है कि ऐसे गृह अतिचार को किसी ऐसे व्यक्ती से छिपाया जाए जिसे उस निर्माण, तम्बू या जलयान में से, अतिचार का विषय… more »
धारा ४४२ : गृह अतिचार(अनधिकार प्रवेश) :
भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी : धारा ४४२ : गृह अतिचार (अनधिकार प्रवेश) : जो कोई किसी निर्माण, तम्बू या जलयान में, जो मानव निवास के रुप में उपयोग में अता है, या किसी निर्माण में, जो उपासना स्थान के रुप में, या किसी संपत्ति की अभिरक्षा के स्थान के रुप में… more »