Category: "मोटर यान अधिनियम १९८८"
धारा ११२ : गति सीमा :
मोटर यान अधिनियम १९८८ अध्याय ८ : यातायात का नियंत्रण : धारा ११२ : गति सीमा : १) कोई व्यक्ति किसी सार्वजनिक स्थान में कसी मोटर यान को न तो उस अधिकतम गति से अधिक या न्यूनतम गति से कम गति पर चलाएगा, न चलवाएगा और न चलाने देगा जो इस अधिनियम के अधीन या उस समय… more »
धारा १११ : राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति :
मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १११ : राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति : १) कोई राज्य सरकार, मोटर यानों और ट्रेलरों के निर्माण, उपस्कर और अनुरक्षण का विनियमन करने के लिए धारा ११० की उपधारा (१) में विनिर्दिेष्ट बातों से भिन्न सभी बातों की बाबत नियम बना… more »
धारा ११० : केन्द्रीय सरकार की नियम बनाने की शक्ति :
मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा ११० : केन्द्रीय सरकार की नियम बनाने की शक्ति : १) केन्द्रीय सरकार मोटर यानों और ट्रेलरों के निर्माण, उपस्कर और अनुरक्षण का विनियमन करने के लिए निम्नलिखित सभी बातों या उनमें से किसी की बाबत नियम बना सकेगी, अर्थात् :- क)यानों की… more »
धारा १०९ : यानों के निर्माण औ अनुरक्षण संबंधी साधारण..
मोटर यान अधिनियम १९८८ अध्याय ७ : मोटर यानों का निर्माण, उपस्कर और अनुरक्षण : धारा १०९ : यानों के निर्माण औ अनुरक्षण संबंधी साधारण उपबन्ध : १) प्रत्येक मोटर यान का निर्माण ऐसे किया जाएगा और उसे ऐसे अनुरक्षित रखा जाएगा कि वह हर समय उसे चलाने वाले व्यक्ति… more »
धारा १०८ : राज्य सरकार की कुछ शक्तियों का केन्द्रीय सरकार..
मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १०८ : राज्य सरकार की कुछ शक्तियों का केन्द्रीय सरकार द्वारा प्रयोग किया जा सकना : राज्य सरकार को इस अध्याय के अधीन प्रदत्त शक्तियां, ऐसे निगम या कम्पनी के सम्बन्ध में, जो केन्द्रीय सरकार के अथवा केन्द्रीय सरकार और एक या अधिक… more »
धारा १०७ : राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति :
मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १०७ : राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति : १) राज्य सरकार इस अध्याय के उपबन्धों को कार्यान्वित करने के प्रयोजन के लिए नियम बना सकेगी । २)विशिष्टतया और पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, ऐसे नियम… more »
धारा १०६ : यानों में पाई गई वस्तुओं का व्ययन :
मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १०६ : यानों में पाई गई वस्तुओं का व्ययन : जहां राज्य परिवहन उपक्रम द्वारा चलाए जा रहे किसी परिवहन यान में पाई गई किसी वस्तु पर उसके स्वामी द्वारा विहित अवधि के अन्दर दावा नहीं किया जाता वहां राज्य परिवहन उपक्रम उस वस्तु को… more »
धारा १०५ : प्रतिकर अवधारित करने के सिध्दांत और रीति..
मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १०५ : प्रतिकर अवधारित करने के सिध्दांत और रीति तथा उसका संदाय : १) जहां धारा १०३ की उपधारा (२) के खण्ड (ख) या खण्ड (ग) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए कोई विद्यमान परमिट रद्द किया जाता है या उसके निबन्धनों में… more »
धारा १०४ : अधिसूचित क्षेत्र या अधिसूचित मार्ग की बाबत..
मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १०४ : अधिसूचित क्षेत्र या अधिसूचित मार्ग की बाबत परमिट दिए जाने पर निर्बन्धन : जहां किसी अधिसूचित क्षेत्र या अधिसूचित मार्ग की बाबत कोई स्कीम धारा १०० की उपधारा (३) के अधीन प्रकाशित की गर्स है वहां, यथास्थिति, राज्य परिवहन… more »
धारा १०३ : राज्य परिवहन उपक्रमों को परमिट दिया जाना :
मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १०३ : राज्य परिवहन उपक्रमों को परमिट दिया जाना : १) जहां किसी अनुमोदित स्कीम के अनुसरण में कोई राज्य परिवहन उपक्रम अधिसूचित क्षेत्र या अधिसूचित मार्ग की बाबत मंजिली गाडी परमिट या माल वाहक परमिट या ठेका गाडी परमिट के लिए ऐसी… more »