Category: "मोटर यान अधिनियम १९८८"
धारा १६२ : धारा १६१ के अधीन संदत्त प्रतिकर का कतिपय..
मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १६२ : धारा १६१ के अधीन संदत्त प्रतिकर का कतिपय मामलों में प्रतिदाय : १)धारा १६१ के अधीन किसी व्यक्ति की मृत्यु या घोर उपहति के मामले में प्रतिकर का संदाय इस शर्त के अधीन होगा कि यदि प्रतिकर के किसी दावे के बदले या उसकी पुष्टि… more »
धारा १६१ : टक्कर मार कर भागने संबंधी मोटर दुर्घटना के..
मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १६१ : टक्कर मार कर भागने संबंधी मोटर दुर्घटना के मामले में प्रतिकर के बारे में विशेष उपबंध : १)इस धारा, धारा १६२ धारा १६३ के प्रयोजनों के लिए ,- क) घोर उपहति का वही अर्थ होगा जो भारतीय दंड संहिता (१८६० का ४५) में उसका है ;… more »
धारा १६० : दुर्घटनाग्रस्त यानों को विशिष्टियां देने का..
मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १६० : दुर्घटनाग्रस्त यानों को विशिष्टियां देने का कर्तव्य : रजिस्ट्रकर्ता प्राधिकारी या पुलिस थाने का भारसाधक अधिकारी ऐसे व्यक्ति द्वारा अपेक्षा किए जाने पर जो यह अभिकथन करता है कि वह मोटर यान के उपयोग के कारण हुई दुर्घटना की… more »
धारा १५९ : यान का उपयोग करने के प्राधिकार के लिए आवेदन..
मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १५९ : यान का उपयोग करने के प्राधिकार के लिए आवेदन करने पर बीमा प्रमाणपत्र पेश किया जाना : राज्य सरकार मोटर यान के स्वामी से यह अपेक्षा करने वाले नियम बना सकेगी कि जब वह सार्वजनिक स्थान पर यान का उपयोग करने का प्राधिकार के लिए… more »
धारा १५८ : कतिपय दशाओं में कुछ प्रमाणपत्रों, अनुज्ञप्ति..
मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १५८ : कतिपय दशाओं में कुछ प्रमाणपत्रों, अनुज्ञप्ति और परमिट का पेश किया जाना : १) किसी सार्वजनिक स्थान में मोटर यान चलाने वाला कोई भी व्यक्ति वर्दी पहने हुए किसी पुलिस अधिकारी द्वारा, जिसे राज्य सरकार ने इस निमित्त प्राधिकृत… more »
धारा १५७ : बीमा प्रमाणपत्र का अंतरण :
मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १५७ : बीमा प्रमाणपत्र का अंतरण : १)जहां कोई व्यक्ति, जिसके पक्ष में उस अध्याय के उपबंधों के अनुसार बीमा प्रमाणपत्र दिया गया है, उस मोटर यान का स्वामित्व, जिसकी बाबत ऐसा बीमा लिया गया था, उससे संबंधित बीमा पालिसी सहित, किसी… more »
धारा १५६ : बीमा-प्रमाणपत्र का प्रभाव :
मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १५६ : बीमा-प्रमाणपत्र का प्रभाव : जब बीमाकर्ता ने ऐसी बीमा संविदा के बारे में, जो बीमाकर्ता और बीमाकृत व्यक्ति के बीच है, बीमा-प्रमाणपत्र जारी कर दिया है तब- क)यदि और जब तक प्रमाणपत्र में वर्णित पालिसी, बीमाकर्ता द्वारा… more »
धारा १५५ : कुछ वाद- हेतुकों पर मृत्यु का प्रभाव :
मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १५५ : कुछ वाद- हेतुकों पर मृत्यु का प्रभाव : भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम, १९२५ (१९२५ का ३९) की धारा ३०६ में किसी बात के होते हुए भी, उस व्यक्ति की मृत्यु, जिसके पक्ष में बीमा-प्रमाणपत्र दिया गया है, उस दशा में जिसमें वह ऐसी… more »
धारा १५४ : बीमाकृत व्यक्तियों के दिवाले से बीमाकृत..
मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १५४ : बीमाकृत व्यक्तियों के दिवाले से बीमाकृत व्यक्ति के दायित्व या पर-व्यक्तियों के दावों पर प्रभाव न पडना : जहां उस व्यक्ति को, जिसने पालिसी कराई है, बीमा-प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया है वहां जिस व्यक्ति का उस पालिसी द्वारा… more »
धारा १५३ : धारा १५०,धारा १५१ और धारा १५२ के बारे में..
मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १५३ : धारा १५०,धारा १५१ और धारा १५२ के बारे में व्यावृत्ति : १)धारा १५०,धारा १५१ और धारा १५२ के प्रयोजनों के लिए किसी बीमा पालिसी के अधीन बीमाकृत व्यक्ति के संबंध में पर-व्यक्ति के प्रति दायित्व के प्रति निर्देश के अंतर्गत… more »