भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी :
धारा ४८९ ख :
कूटरचित या कूटकृत करेंसी नोटों या बैंक नोटों को असली रुप में उपयोग में लाना :
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : कूटरचित या कूटकृत करेंसी नोटों या बैंक नोटों को असली के रुप में उपयोग में लाना ।
दण्ड :आजीवन कारावास, या दस वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :सेशन न्यायालय ।
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जो कोई किसी कूटरचित या कूटकृत करेंसी नोट या बैंक नोट को, यह जानते हुए, या विश्वास करने का कारण रखते हुए कि वह कूटरचित या कूटकृत है, किसी अन्य व्यक्ती को बेचेगा या उससे खरीदेगा या प्राप्त करेगा या अन्यथा उसका दुव्र्यापार करेगा या असली के रुप में उसे उपयोग में या प्रयोग में लाएगा, वह आजीवन कारावास से, या दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सेकगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।
#Ipc 1860 in Hindi section 489B
#Section 489b of Indin Penal Code 1860 Hindi
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