भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी :
धारा २३ :
सदोष अभिलाभ(गलत तरिके से लाभ) :
सदोष अभिलाभ(गलत तरिके से लाभ) जिस व्यक्ती को कानूनी अधिकार ना हो ऐसी संपत्ती का अवैध रुप से प्राप्त किया अभिलाभ(लाभ) ।
सदोष हानी(गलत तरिके से हानी):
सदोष हानी जिस व्यक्ती को कानूनी अधिकार हो ऐसी संपत्ती का वैध रुप से हानी उठानेवाला ।
सदोष अभिलाभ प्राप्त करना, सदोष हानी उठाना:
कोई व्यक्ती सदोष अभिलाभ(गलत तरिके से लाभ) प्राप्त करता है, यह तब तक कहा जाता है जबकि वह व्यक्ती सदोष बनाए रखता है और तब भी जबकि वह व्यक्ती सदोष अर्जन करता(अधिग्रहण या प्राप्त करना) है । कोई व्यक्ती सदोष हानी(गलत तरिके से हानी) उठाता
है, यह तब तक कहा जाता है जबकी उसे किसी संपत्ति से सदोष अलग रखा जाता है और तब भी जबकि उसे किसी संपत्ति से
सदोष वंचित किया जाता है ।
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