भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी :
धारा ३९ :
स्वेच्छया (इच्छापूर्वक) :
कोई व्यक्ती किसी परिणाम को स्वेच्छया (इच्छापूर्वक) कारित करता है, यह तब कहा जाता है, जब वह व्यक्ती उसे (कार्य) उन साधनों द्वारा कारित करता है, जिनके द्वारा उसे (कार्य) कारित करना उसका आशय था या उन साधानों को काम में लाते समय यह जानता था, या यह विश्वास करने का कारण रखता था कि उनसे उसका कार्य कारित होना संभाव्य है ।
दृष्टांत :
(क) लूट को सुकर बनाने के प्रयोजन से एक बडे नगर के एक बसे हुए गृह में रात को आग लगाता है और इस प्रकार एक व्यक्ति की मृत्यु कारित कर देता है । यहा (क) का आशय भले ही मृत्यु कारित करने का न रहा हो और वह दुखित भी हो कि उसके कार्य से मृत्यु कारित हुई है तो भी यदि वह जानता था कि संभाव्य है कि वह मृत्यु कारित कर दे तो उसने स्वेच्छया मृत्यु कारित की है ।
#Ipc 1860 in Hindi section 39
#Section 39 of Indin Penal Code 1860 Hindi
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