भारतीय दंड संहिता १८६० हिंदी :
अध्याय ३ :
दण्डों के विषय में :
धारा ५३ :
दण्ड (सजा / शिक्षा) :
अपराधी इस संहिता के उपबंधों के अधीन जिन दण्डों (सजा) से दण्डनीय हे वे इसप्रकार हैं-
पहला : मुत्यु;
१.(दुसरा : आजीवन कारावास;)
तिसरा: (***)
चौथा : कारावास, जो दो भाँति का है, अर्थात् :
१)कठिन, अर्थात् कठोर श्रम के साथ;
२)सादा;
पाँचवाँ : सम्पत्ति का समपहरण(अधिहरण,जब्ती);
छटा : जुर्माना (अर्थदण्ड,द्रव्यरुप में दण्ड); ।
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१. १९५५ के अधिनियम सं० २६ की धारा ११७ और अनुसूची द्वारा दूसरा - निर्वासन के स्थान पर (१-१-१९५६ से) प्रतिस्थापित ।
२. १९४९ के अधिनियम सं० १७ की धारा २ द्वारा (६ अप्रेल १९४९ से) खण्ड तीसरा का लोप किया गया ।
#Ipc 1860 in Hindi section 53
#Section 53 of Indin Penal Code 1860 Hindi
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