मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा १५१ :
बीमा के बारे में जानकारी देने का कर्तव्य :
१)कोई भी व्यक्ति, जिसके विरूध्द धारा १४७ की उपधारा (१) के खंड (ख) में निर्दिष्ट किसी दायित्व की बाबत कोई दावा किया जाता है, दावा करने वाले व्यक्ति के द्वारा या उसकी ओर से मांग की जाने पर यह बताने से इंकार नहीं करेगा कि उस दायित्व की बाबत किसी ऐसी पालिसी द्वारा, जो इस अध्याय के उपबंधों के अधीन दी गई है, उसका बीमा किया हुआ है या नहीं अथवा यदि बीमाकर्ता ने पालिसी शून्य या रद्द न कर दी होती तो वह ऐस बीमाकृत रहता या नहंी और वह उस दशा में, जिसमें वह ऐसे बीमाकृत है या होता, उस पालिसी से संबंधित ऐसी विशिष्टियां देने से इंकार नहंी करेगा जो उसकी बाबत दिए गए बीमा प्रमाणपत्र में विनिर्दिष्ट थीं ।
२)किसी व्यक्ति के दिवालिया हो जाने पर अथवा अपने लेनदारों से प्रशमन या ठहराव कर लेने पर अथवा दिवाला विधि के अनुसार मृत व्यक्ति की संपदा के प्रशासन के लिए आदेश दे दिए जाने पर अथवा किसी कंपनी के परिसमापन के लिए आदेश दे दिए जाने पर अथवा उस कंपनी के स्वेच्छया परिसमापन के लिए संकल्प पारित कर दिए जाने पर अथवा किसी कंपनी के कारबार या उपक्रम का रिसीवर या प्रबंधक सम्यक् रूप से नियुक्त कर दिए जाने पर अथवा किसी संपत्ति के प्लवमान भार द्वारा प्रतिभूत किन्हीं डिबेंचरों के धारकों द्वारा या उनकी ओर से उस संपत्ति का, जो भार में समाविष्ट या उसके अधीन हैं, कब्जा ले लिए जाने पर, यथास्थिति, दिवालिया ऋणी का मृत-ऋणी के वैयक्तिक प्रतिनिधि का या कंपनी का, अथवा दिवाले की दशा में शासकीय समनुदेशिती या रिसीवर का न्यासी, समापक, रिसीवर या प्रबंधक या संपत्ति पर कब्जा रखने वाले व्यक्ति यह कर्तव्य होगा कि वह ऐसे किसी व्यक्ति के अनुरोध पर, जो यह दावा करता है कि दिवालिया- ऋणी, मृत-ऋणी या कंपनी उसके प्रति ऐसे दायित्व के अधीन है, जो इस अध्याय के उपबंधों के अंतर्गत है, ऐसी जानकारी दे जिसकी उसके द्वारा यह अभिनिश्चित करने के प्रयोजन से कि क्या कोई अधिकार धारा १५० के अधीन उसे अंतरित और उसमें निहित हो गए हैं तथा ऐसे अधिकारों को, यदि कोई हो, प्रवर्तित कराने के प्रयोजन से उचित रूप से अपेक्षा की जाए, तथा ऐसी कोई बीमा संविदा प्रभावहीन होगी जिससे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उपयुक्त दशाओं में ऐसी जानकारी दी जाने पर संविदा का शून्य हो जाना उसके अथवा उसके अधीन पक्षकारों के अधिकारों का परिवर्तित हो जाना अथवा उक्त दशाओं में उसका दिया जाना अन्यथा प्रतिषिध्द या निवारित हो जाना तात्पर्यित हो ।
३.) यदि उपधारा (२) के अनुसरण में या अन्यथा किसी व्यक्ति को दी गई जानकारी से उसके पास यह अनुमान लगा लेने का उचित आधार है कि इस अध्याय के अधीन उस किसी विशिष्ट बीमाकर्ता के विरूध्द अधिकार अंतरित हो गए हैं या हो गए होंगे तो उस बीमाकर्ता का वही कर्तव्य होगा जो उक्त उपधारा के अनुसार उन व्यक्तियों का है, जो उसमें वर्णित हैं ।
४)इस धारा द्वारा अधिरोपित जानकारी देने के कर्तव्य के अंतर्गत यह कर्तव्य भी होगा कि जो बीमा संविदाएं प्रीमियम रसीदें और अन्य सुसंगत दस्तावेजें उस व्यक्ति के कब्जे या शक्ति में हैं, जिस पर ऐसा कर्तव्य अधिरोपित किया गया है, उनका निरीक्षण किया जाने दिया जाए और उनकी प्रतियां ली जाने दी जाएं ।
#Motor Vehicles Act 1988 Hindi section 151 #MVActHindi Section 151
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