मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा १५३ :
धारा १५०,धारा १५१ और धारा १५२ के बारे में व्यावृत्ति :
१)धारा १५०,धारा १५१ और धारा १५२ के प्रयोजनों के लिए किसी बीमा पालिसी के अधीन बीमाकृत व्यक्ति के संबंध में पर-व्यक्ति के प्रति दायित्व के प्रति निर्देश के अंतर्गत किसी अन्य बीमा पालिसी के अधीन बीमाकर्ता की हैसियत में उस व्यक्ति के दायित्व के प्रति निर्देश न होगा ।
२) धारा १५०,धारा १५१ और धारा १५२ के उपखंड वहां लागू न होेंगे जहां कंपनी का स्वेच्छया परिसमापन उसके पुनर्गठन के लिए अथवा दूसरी कंपनी से उसके समामेलन के प्रयोजन के लिए ही किया जाता है ।
#Motor Vehicles Act 1988 Hindi section 153 #MVActHindi Section 153
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