मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा १५६ :
बीमा-प्रमाणपत्र का प्रभाव :
जब बीमाकर्ता ने ऐसी बीमा संविदा के बारे में, जो बीमाकर्ता और बीमाकृत व्यक्ति के बीच है, बीमा-प्रमाणपत्र जारी कर दिया है तब-
क)यदि और जब तक प्रमाणपत्र में वर्णित पालिसी, बीमाकर्ता द्वारा बीमाकृत को नहंीं दी गई है तो और तब तक बीमाकर्ता की बाबत, जहां तक बीमाकर्ता और बीमाकृत से भिन्न किसी अन्य व्यक्ति के बीच की बात है, यह समझा जाएगा कि उसने बीमाकृत व्यक्ति को बीमा पालिसी दे दी है जो सभी प्रकार से ऐसे प्रमाणपत्र में दिए हुए वर्णन और विशिष्टियों के अनुरूप है; और
ख)यदि बीमाकर्ता ने प्रमाणपत्र में वणिॅत पालिसी बीमाकृत को दे दी है किंतु पालिसी के वास्तविक निबंधन पालिसी की उन विशिष्टियों से, जो प्रमाणपत्र में उल्लिखित हैं, उन व्यक्तियों के लिए कम अनुकूल हैं, जो पालिसी के अधीन या आधार पर बीमाकर्ता के विरूध्द दावा या तो प्रत्यक्ष रूप से या बीमाकृत व्यक्ति के माध्यम से करते हैं, तो जहां तक बीमाकर्ता और बीमाकृत से भिन्न किसी अन्य व्यक्ति के बीच की बात है, पालिसी की बाबत यह समझा जाएगा कि वह सभी प्रकार से उन विशिष्टियों के अनुरूप है, जो उक्त प्रमाणपत्र में उल्लिखित हैं ।
#Motor Vehicles Act 1988 Hindi section 156 #MVActHindi Section 156
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