मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा १८२क :
१(यान के सन्निर्माण और अनुरक्षण से संबंधित अपराधों के लिए दंड :
कोई व्यक्ति जो धारा १०९ की उपधारा (३) के उपबंधों का उल्लंघन करेगा, प्रथम अपराध के लिए एक हजार रूपए जुर्माने से और किन्हीं पश्चात्वर्ती अपराधों के लिए पांच हजार रूपए के जुर्माने से दंडनीय होगा ।)
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१.१९९४ के अधिनियम सं. ५४ की धारा ५४ द्वारा अंत:स्थापित ।
#Motor Vehicles Act 1988 Hindi section 182a #MVActHindi Section 182A
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