मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा २१७ :
निरसन और व्यावृत्तियां :
१)मोटर यान अधिनियम, १९३९ (१९३९ का ४) और किसी राज्य में इस अधिनियम के प्रारंभ के ठीक पूर्व प्रवृत्त, इस अधिनियम की तत्स्थानी कोई विधि (जिन्हें इसके पश्चात् इस धारा में निरसित अधिनिमितियां कहा गया है )
२)उपधारा (१) द्वारा निरसित अधिनियमितियों का निरसन कर दिए जाने पर भी -
क)निरसित और ऐसे प्रारंभ से ठीक पूर्व प्रवृत्त अधिनियमितियों के अधीन निकाली गर्स कोई अधिसूचना, नियम, विनियम, आदेश या सूचना, अथवा की गर्स कोई नियुक्ति या घोषणा, अथवा दी गई कोई छुट अथवा किया गया कोई अधिहरण या अधिरोपित की गई कोई शास्ति या जुर्माना, कोई समपहरण, रद्दकरण अथवा की गई कोई अन्य बात या कोई अन्य कार्रवाई, जहां तक वह इस अधिनियम के उपबंधों से अंसगत नहीं है, इस अधिनियम के तत्स्थानी उपबंध के अधीन निकाली गई, दी गई, किया गया या की गई समझी जाएगी ;
ख)निरसित अधिनियमितियों के अधीन जारी किए गए या दिए गए ठीक हालत में होने के प्रमाणपत्र काया रजिस्ट्रीकरण या अनुज्ञप्ति या परमिट का ऐसे प्रारंभ के पश्चात्, उन्हीं शर्तों के अधीन और उसी अवधि के लिए, बराबर प्रभाव बना रहेगा, मानो कि यह अधिनियम पारित ही नहीं हुआ है ;
ग)किसी निरसित अधिनियमिति के प्रति या उसके किसी उपबंध के प्रति निर्देश करने वाले किसी दस्तावेज का यह अर्थ लगाया जाएगा कि वह इस अधिनियम के प्रति या इस अधिनियम के तत्स्थानी उपबंध के प्रति निर्देश है;
घ)निरसित अधिनियमितियों के उपबंध के अनुसार रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी द्वारा सुभिन्न चिहनों का समनुदेशन और मोटर यानों पर उनके प्रदर्शन की रीति, इस अधिनियम के प्रारंभ के पश्चात्, तब तक प्रवृत्त बनी रहेगी जब तक कि धारा ४१ की उपधारा (६) के अधीन अधिसूचना नहीं निकाली जाती है ;
ड)मोटर यान अधिनियम, १९३९(१९३९ का ४ ) की धारा ६८ ग या किसी राज्य में प्रवृत्त तत्समान विधि, यदि कोई है, के अधीन बनाई गई और इस अधिनियम के प्रारंभ के ठीक पूर्व लंबित कोई स्कीम इस अधिनियम की धारा १०० के उपबंधों के अनुसार निपटाई जाएगी ;
च)मोटर यान अधिनियम, १९३९ (१९३९ का ४) की धारा ६८च की उपधारा (१क) के अधीन या किसी राज्य में इस अधिनियम के ठीक पूर्व प्रवृत्त तत्स्थानी उपबंध, यदि कोई है, के अधीन दिए गए परमिट तब तक प्रवृत्त बने रहेंगे जब तक इस अधिनियम के अध्याय ६ के अधीन अनुमोदित स्कीम प्रकाशित नहीं की जाती है ।
३)किसी निरसित अधिनियमिति के अधीन संदेय कोई शास्ति इस अधिनियम द्वारा या उसके अधीन उपबंधित रीति से वसूल की जा सकेगी, किन्तु निरसित अधिनियमितियों के अधीन ऐसी शास्ति की वसूली के लिए पहले ही की गई किसी कार्रवाई पर इससे प्रतिकूल प्रभाव नहीं पडेगा ।
४)इस धारा में विशिष्ट बातों के उल्लेख से यह नहीं समझा जाएगा कि वह निरसनों के प्रभाव के संबंध में साधारण खंड अधिनियम, १८९७ (१८९७ का १०) की धारा ६ के साधारण तौर पर लागू होने पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है या कोई प्रभाव डालती है ।
#Motor Vehicles Act 1988 Hindi section 217 #MVActHindi Section 217
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