मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा २३ :
निरर्हता आदेश का प्रभाव :
१)ऐसी व्यक्ति, जिसकी बाबत धारा १९ या धारा २० के अधीन कोई निरर्हता आदेश दिया गया है, उस सीमा तक और उतनी अवधि के लिए, जो उस आदेश में विनिर्दिष्ट हो, चालन-अनुज्ञप्ति धारण करने या अभिप्राप्त करने से विवर्जित रहेगा और आदेश की तारीख को यदि ऐसे व्यक्ति द्वारा कोई चालन-अनुज्ञप्ति धारित है, तो वह उस सीमा तक और उस अवधि के दौरान प्रभावशील न रहेगी ।
२)धारा २० के अधीन दिए गए निरर्हता आदेश का प्रवर्तन, उस आदेश के विरूध्द, अथवा उस दोषसिध्दि के विरूध्द, जिसके फलस्वरूप वह आदेश दिया गया था, अपील के लम्बित रहने के दौरान तब तक निलंबित या मुल्तवी नहीं किया जाएगा जब तक कि अपील न्यायालय वैसा निदेश न दे ।
३)कोई व्यक्ति, जिसकी बाबत कोई निरर्हता आदेश दिया गया है उस आदेश की तारीख से छह मास की समाप्ति के पश्चात् किसी समय उस न्यायालय या अन्य प्राधिकारी को जिसने आदेश दिया था, निरर्हता हटाने के लिए आवेदन कर सकेगा तथा, यथास्थिति, वह न्यायालय या प्राधिकारी सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए या तो निरर्हता आदेश को रद्द कर सकेगा या उसमें परिवर्तन कर सकेगा :
परन्तु जहां न्यायालय या अन्य प्राधिकारी इस धारा के अधीन निरर्हता के किसी आदेश को रद्द करने या उसमें कोई परिवर्तन करने से इंकार करता है, वहां उसके अधीन दूसरे आवेदन को, ऐसे इंकार किए जाने की तारीख से तीन मास की अवधि की समाप्ति के पूर्व ग्रहण नहीं किया जाएगा ।
#Motor Vehicles Act 1988 Hindi section 23 #MVActHindi Section 23
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