स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम १९८५
धारा २९ :
दुष्प्रेरण और आपराधिक षडयंत्र के लिए दंड :
१) जो कोई इस अध्याय के अधीन दंडनीय किसी अपराध का दुष्प्रेरण करेगा या ऐसा कोई अपराध करने के आपराधिक षडयंत्र का पक्षकार होगा, वह चाहे ऐसा अपराध ऐसे दुष्प्रेरण के परिणामस्वरुप या ऐसे आपराधिक षडयंत्र के अनुसरण में किया जाता है या नहीं किया जात है और भारतीय दंड संहिता (१८६० का ४५) की धारा ११६ में किसी बात के होते हुए भी, उस अपराध के लिए उपबन्धित दंड से दंडनीय होगा ।
२) वह व्यक्ति इस धारा के अर्थ में किसी अपराध का दुष्प्रेरण करता है या ऐसा कोई अपराध करने के आपराधिक षडयंत्र का पक्षकार होता है जो भारत में, भारत से बाहर और परे किसी स्थान में ऐसा कोई कार्य किए जाने का भारत में दुष्प्रेरण करता है या ऐसे आपराधिक षडयंत्र का पक्षकार होता है, जो -
क) यदि भारत के भीतर किया जाता तो, अपराध गठित करता, या
ख) ऐसे स्थान की विधियों के अधीन स्वापक ओषधियों या मन:प्रभावी पदार्थों से सम्बन्धित ऐसा अपराध है, जिसमें उसे ऐसा अपराध गठित करने के लिए अपेक्षित वैसे ही या उसके समरुप सभी विधिक शर्तें है जैसी उसे इस अध्याय के अधीन दंडनीय अपराध गठित करने के लिए अपेक्षित विधिक शर्तें होती यदि ऐसा अपराध भारत में किया जाता ।
#अध्याय ४ : अपराध और शास्तियां :
#Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act 1985 in Hindi section 29.
#NDPS Act 1985 in hindi section 29.
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