स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम १९८५
धारा ५४ :
१.(अवैध वस्तुओं के कब्जे से उपधारणा :
इस अधिनियम के अधीन विचारणों में, जब तक कि तत्प्रतिकूल साबित नहीं कर दिया जाता है, यह उपधारणा की जा सकेगी कि अपराधी ने -
क) किसी ऐसी स्वापक ओषधि या मन:प्रभावी पदार्थ अथवा नियंत्रित पदार्थ;
ख) किसी ऐसी भूमि पर, जिस पर उसने खेती की है, उगे हुए किसी ऐसे अफीम पोस्त, कैनेबिस के पौधे या कोका के पौधे;
ग) किसी स्वापक ओषधि या मन:प्रभावी पदार्थ अथवा नियंत्रित पदार्थ के विनिर्माण के लिए विशेष रुप से परिकल्पित किसी साधित्र या विशेष रुप से अनुकूलित वर्तनों के किसी ऐसे वर्ग ; या
घ) किसी ऐसी सामग्री, जिस पर किसी स्वापक ओषधि या मन:प्रभावी पदार्थ अथवा नियंत्रित पदार्थ के विनिर्माण से संबंधित कोई प्रसंस्करण किया गया है या ऐसी सामग्री से बचे किसी ऐसे अवशिष्ट, जिससे किसी स्वापक ओषधि या मन:प्रभावी पदार्थ अथवा नियंत्रित पदार्थ का विनिर्माण किया गया है,
की बाबत, जिसके कब्जे के बारे में वह समाधानप्रद रुप में हिसाब देने में असफल रहता है, इस अधिनियम के अधीन कोई अपराध किया है ।)
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१. २००१ के अधिनियम सं.९ की धारा २५ द्वारा प्रतिस्थापित ।
#अध्याय ५ : प्रक्रिया :
#Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act 1985 in Hindi section 54.
#NDPS Act 1985 in hindi section 54.
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