स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम १९८५
धारा ६८-झ :
कुछ दशाओं में सम्पत्ति का समपहरण :
१) सक्षम प्राधिकारी, धारा ६८-ज के अधीन हेतुक दर्शित करने के लिए जारी की गई सूचना के संबंध में दिए गए स्पष्टीकरण पर, यदि कोई हो, और अपने समक्ष उपलब्ध सामग्री पर, विचार करने के पश्चात् तथा प्रभावित व्यक्ति को (और किसी ऐसी दशा में जहां प्रभावित व्यक्ति सूचना में विनिर्दिष्ट कोई संपत्ति किसी अन्य व्यक्ति की मार्फत धारण करता है वहां ऐसे अन्य व्यक्ति को भी) सुनवाई का उचित अवसर देने के पश्चात्, आदेश द्वारा, यह निष्कर्ष अभिलिखित कर सकेगा कि क्या प्रश्नगत सभी या कोई सम्पत्ति अवैध रुप से अर्जित सम्पत्ति है :
परन्तु यदि प्रभावित व्यक्ति (और किसी ऐसी दशा में जहां प्रभावित व्यक्ति सूचना में विनिर्दिष्ट कोई सम्पत्ति किसी अन्य व्यक्ति की मार्फत धारण करता है वहां ऐसे अन्य व्यक्ति भी) हेतुक दर्शित करने के लिए सूचना में विनिर्दिेट तीस दिन की अवधि के भीतर सक्षम प्राधिकारी के समक्ष हाजिर नहीं होता है या उसे समक्ष अपना मामला व्यपदिष्ट नहीं करता है तो सक्षम प्राधिकारी, अपने समक्ष उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर, इस उपधारा के अधीन एकपक्षीय निष्कर्ष अभिलिखित कर सकेगा ।
२) जहां सक्षम प्राधिकारी का यह समाधान हो जाता है कि हेतुक दर्शित करने के लिए सूचना में निर्दिष्ट कुछ सम्पत्ति अवैध रुप से अर्जित सम्पत्ति है किन्तु वह ऐसी सम्पत्ति को विनिर्दिष्टत: पहचान करने में समर्थ नही है वहां सक्षम प्राधिकारी के लिए यह विधिपूर्ण होगा कि वह ऐसी सम्पत्ति को विनिर्दिष्ट करे जो उसकी सर्वोत्तम विवेकबुद्धि के अनुसार अवैध रुप से अर्जित सम्पत्तियां है और तद्नुसार उपधारा (१) के अधीन निष्कर्ष अभिलिखित करे ।
३) जहां सक्षम प्राधिकारी, इस धारा के अधीन इस आशय का निष्कर्ष अभिलिखित करता है कि कोई सम्पत्ति अवैध रुप से अर्जित की गई सम्पत्ति है, वहां वह घाषित करेगा कि ऐसी सम्पत्ति इस अध्याय के उपबंधों के अधीन रहते हुए, सभी विल्लंगमों से मुक्त, केन्द्रीय सरकार को समपऱ्हत हो जाएगी :
१.(परन्तु ऐसे किसी व्यक्ति की, जो धारा ६८-क की उपधारा (२) के खंड (गग) में निर्दिष्ट है, या उस खंड में निर्दिष्ट व्यक्ति के नातेदार या उस खंड में निर्दिष्ट व्यक्ति के सहयुकत् या ऐसी सम्पत्ति के धारक की जो पूर्व में किसी समय उस खंड में निर्दिष्ट व्यक्ति द्वारा धारित थी, अवैध रुप से अर्जित सम्पत्ति समपऱ्हत नहीं होगी ।)
४) जहां किसी कंपनी के शेयर, इस अध्याय के अधीन केन्द्रीय सरकार को समपऱ्हत हो जाते है, वहां कंपनी, कंपनी अधिनियम, १९५६ (१९५६ का १) में या कंपनी के संगम अनुच्छेदों में किसी बात के होते हुए भी, केन्द्रीय सरकार को ऐसे शेयरों के अंतरिती के रुप में तत्काल रजिस्टर करेगी ।
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१. २००१ के अधिनियम सं.९की धारा ३६ द्वारा अंत:स्थापित ।
#अध्याय ५-क : अवैध रुप से अर्जित संपत्ति का समपहरण :
#Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act 1985 in Hindi section 68I.
#NDPS Act 1985 in hindi section 68i.
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