सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
आदेश १० :
नियम २ :
१.(पक्षकार की या पक्षकार के साथी की मौखिक परीक्षा :
१) न्यायालय वाद की प्रथम सुनवाई में -
क) पक्षकारों में से ऐसे पक्षकारों की जो न्यायालय में उपसंजात है या उपस्थित है, वाद में विवादग्रस्त बातों के विशदीकरण की दृष्टि से मौखिक परीक्षा करेगा जो वह ठीक समझे ; और
ख) वाद से संबंधित किन्हीं तात्विक प्रश्नों के उत्तर देने में समर्थ ऐसे किसी व्यक्ति की, जो न्यायालय में स्वयं उपसंजात या उपस्थित पक्षकार या उसके प्लीडर के साथ है, मौखिक परीक्षा कर सकेगा ।
२) न्यायालय किसी पश्चातवर्ती सुनवाई में, न्यायालय में स्वयं उपसंजात या उपस्थित पक्षकार की या वाद से संबंधित किन्हीं तात्विक प्रश्नों के उत्तर देने में समर्थ ऐसे किसी व्यक्ति की, जो ऐसे पक्षकार या उसके प्लीडर के साध है, मौखिक परीक्षा कर सकेगा ।
३) यदि न्यायालय ठीक समझे तो वह दोनों पक्षकारों में से किसी के भी द्वारा सुझाए गए प्रश्नों को इस नियम के अधीन किसी परीक्षा के दौरान पूछ सकेगा ।)
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१. १९७६ के अधिनियम सं. १०४ की धारा ६० द्वारा (१-२-१९७७ से) नियम २ के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
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