सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
आदेश २३ :
नियम ३-क :
१.(वाद का वर्जन :
कोई डिक्री अपास्त करने के लिए कोई वाद इस आधार पर नहीं लाया जाएगा कि वह समझौता जिस पर डिक्री आधारित है, विधिपूर्ण नहीं था ।)
------
१. १९७६ के अधिनियम सं. १०४ की धारा ७४ द्वारा (१-२-१९७७ से) अन्त:स्थापित ।
INSTALL Android APP
* नोट (सूचना) : इस वेबसाइट पर सामग्री या जानकारी केवल शिक्षा या शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए है, हालांकि इसे कहीं भी कानूनी कार्रवाई के लिए उपयोग नहीं किया जाना चाहिए, और प्रकाशक या वेबसाइट मालिक इसमें किसी भी त्रुटि के लिए उत्तरदायी नहीं होगा, अगर कोई त्रुटि मिलती है तो गलतियों को सही करने के प्रयास किए जाएंगे ।