सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
आदेश ३ :
नियम ५ :
प्लीडर पर आदेशिका की तामील :
१.( किसी आदेशिका के बारे में, जिसकी तामील ऐसे प्लीडर पर कर दी गई है जिसे किसी पक्षकार की ओर से न्यायालय में कार्य करने के लिए सम्यक् रुप से नियुक्त किया गया है) या जो ऐसे प्लीडर के कार्यालय में या उस स्थान में जहां वह मामूली तौर से निवास करता है, छोड दी गई है चाहे वह पक्षकार की स्वीय उपसंजाति के लिए हो या नहीं, यह उपधारणा की जाएगी कि वह उस पक्षकार को सम्यक् रुप से संसूचित कर दी गई है और ज्ञात करा दी गई है, जिसका प्रतिनिधित्व वह प्लीडर करता है, और जब तक न्यायालय अन्यथा निर्दिष्ट न करे तब तक वह समस्त प्रयोजनों के लिए वैसे ही प्रभावी होगी मानो स्वयं पक्षकार को वह दी गई थी या स्वयं पक्षकार पर उसकी तामील की गई थी ।
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१. १९७६ के अधिनियम सं. १०४ की धारा ५४ द्वारा (१-२-१९७७ से) कतिपय शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
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