सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
आदेश ४३ :
आदेशों की अपीलें :
नियम १ :
आदेशों की अपीलें :
धारा १०४ के उपबन्धों के अधीन निम्नलिखित आदेशों की अपील होगी, अर्थात् :-
क) वादपत्र के उचित न्यायालय में उपस्थित किए जाने के लिए लौटाने को आदेश जो आदेश ७ के नियम १० के अधीन दिया गया हो, १.(सिवाय उस दशा के जब आदेश ७ के नियम १०-क में विनिर्दिष्ट प्रक्रिया का अनुसरण किया गया हो) :
२.(*)
ग) वाद की खारिजी को अपास्त करने के आदेश के लिए (ऐसे मामले में जिसमें अपील होती है) आवेदन को नामंजूर करने का आदेश जो आदेश ९ के नियम ९ के अधीन दिया गया हो ;
घ) एकपक्षीय पारित डिक्री को अपास्त करने के आदेश के लिए (ऐसे मामले में जिसमें अपील होती है) आवेदन के नामंजूर करने का आदेश जो आदेश ९ के नियम १३ के अधीन दिया गया हो ;
२.(*)
च) आदेश ११ के नियम २१ के अधीन आदेश ;
२.(*)
झ) दस्तावेज के या पृष्ठांकन के प्रारुप पर किए गए आक्षेप पर आदेश जो आदेश २१ के नियम ३४ के अधीन दिया गया हो;
ञ) विक्रय को अपास्त करने का या अपास्त करने से इन्कार करने का आदेश जो आदेश २१ के नियम ७२ या नियम ९२ के अधीन दिया गया हो ;
१.(ञक) आवेदन को नामंजूर करनेका आदेश जो आदेश २१ के नियम १०६ के उपनियम (१) के अधीन किया गया हो परन्तु मूल आवेदन पर अर्थात् उस आदेश के नियम १०५ के उपनियम (१) में निर्दिष्ट आवेदन पर आदेश अपीलनीय है ;)
ट) वाद के उपशमन या खारिजी को अपास्त करने से इन्कार करने का आदेश जो आदेश २२ के नियम ९ के अधीन दिया गया हो ;
ठ) इजाजत देने को या इजाजत देने से इन्कार करनेका आदेश जा आदेश २२ के नियम १० के अधीन दिया गया हो;
२.(*)
ढ) वाद की खारिजी को अपास्त करने से इन्कार करने का आदेश के लिए (ऐसे मामले में जिसमें अपील होती है) आवेदन को नामंजूर करने का आदेश जो आदेश २५ के नियम २ के अधीन दिया गया हो ;
१.(ढक) निर्धन व्यक्ति के रुप में वाद लाने की अनुज्ञा के लिए आवेदन को नामंजूर करने का आदेश जो आदेश ३३ के नियम ५ या नियम ७ के अधीन दिया गया हो;)
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२.(*)
त) अन्तराभिवाची वादों में आदेश जो आदेश ३५ के नियम ३, नियम ४ या नियम ६ के अधीन दिया गया हो ;
थ) आदेश ३८ के नियम २, नियम ३ या नियम ६ के अधीन आदेश ;
द) आदेश ३९ के नियम १, नियम २, २.(नियम २-क), नियम ४ या नियम १० के अधीन आदेश ;
ध) आदेश ४० के नियम १ या नियम ४ के अधीन आदेश ;
न) अपील को आदेश ४१ के नियम १९ के अधीन पुन: ग्रहण करने या आदेश ४१ के नियम २१ के अधीन पुन: सुनने से इन्कार करने का आदेश ;
प) जहां अपील न्यायालय की डिक्री की अपील होती हो वहां मामले को प्रतिप्रेषित करने का आदेश जो आदेश ४१ के नियम २३ १.(या नियम २३-क) के अधीन दिया गया हो ;
२.(*)
ब) पुनर्विलोकन के लिए आवेदन मंजूर करने का आदेश जो आदेश ४७ के अधीन दिया गया हो ।
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१. १९७६ के अधिनियम सं. १०४ की धारा ८९ द्वारा (१-२-१९७७ से) अन्त:स्थापित ।
२. १९७६ के अधिनियम सं. १०४ की धारा ८९ द्वारा (१-२-१९७७ से) खण्ड (ख), (ङ), (छ), (ज), (ड), (ण), और (फ) का लोप किया गया ।
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