सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
आदेश ४५ :
नियम १३ :
अपील लंबित रहने तक न्यायालय की शक्तियां :
१) जब तक न्यायालय अन्यथा निदिष्ट न करे तब तक उस डिक्री का जिसकी अपील की गई है, बिना शर्त निष्पादन किसी अपील के ग्रहण के लिए प्रमाणपत्र के दे दिए जाने पर भी किया जाएगा ।
२) यदि न्यायालय ठीक समझे तो वह ऐसे विशेष हेतुक से जो वाद में हितबद्ध किसी पक्षकार द्वारा दर्शित किया गया हो या न्यायालय को अन्यथा प्रतीत हुआ हो -
क) विवादग्रस्त किसी भी जंगम सम्पत्ति को या उसके किसी भी भाग को परिबद्ध कर सकेगा, अथवा
ख) प्रत्यर्थी से ऐसी प्रतिभूति लेकर जो न्यायालय किसी ऐसे आदेश के सम्यक् पालन के लिए ठीक समझे जो, १.(उच्चतम न्यायालय) अपील में करे, उस डिक्री का जिसकी अपील की गई है, निष्पादन अनुज्ञात कर सकेगा, अथवा
ग) अपीलार्थी से ऐसी प्रतिभूति लेकर जो उस डिक्री के जिसकी अपील की गई है या ऐसी २.(किसी डिक्री या आदेश) के जो १.(उच्चतम न्यायालय) अपील में करे, सम्यक् पालन के लिए न्यायालय ठीक समझे उस डिक्री का जिसकी अपील की गई है, निष्पादन रोक सकेगा, अथवा
घ) न्यायालय की सहायता मांगने वाले किसी भी पक्षकार पर ऐसी शर्तों का अधिरोपण या अपील की विषय-वस्तु के बारे में ऐसे निदेश जो न्यायालय ठीक समझे, रिसीवर की नियुक्ति द्वारा या अन्यथा कर सकेगा ।
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१. विधि अनूकूलन आदेश, १९५० द्वारा हिज मैजेस्टी इन काउन्सिल के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
२. विधि अनूकूलन आदेश, १९५० द्वारा किसी आदेश के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
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