सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
आदेश ४६ :
नियम ५ :
निर्देश करने वाले न्यायालय की डिक्री को परिवर्तित करने आदि की शक्ति :
जहां उच्च न्यायालय को किसी मामले का निर्देश नियम १ के अधीन १.(या धारा ११३ के परन्तुक के अधीन) किया जाता है वहां उच्च न्यायालय मामले को संशोधन के लिए लौटा सकेगा और किसी ऐसी डिक्री या आदेश को परिवर्तित, रद्द या अपास्त कर सकेगा जिसे निर्देश करने वाले न्यायालय ने उस मामले में किया है या पारित किया है जिसमें से निर्देश उठा था और ऐसा आदेश कर सकेगा जो वह ठीक समझे ।
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१. १९५१ के अधिनियम सं. २४ की धारा २ द्वारा अन्त:स्थापित ।
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