सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
आदेश ४६ :
नियम ६ :
लघुवादों में अधिकारिता सम्बन्धी प्रश्नों को उच्च न्यायालय को निर्देशित करने की शक्ति :
१) जहां निर्णय के पूर्व किसी भी समय वह न्यायालय जिसमें वाद संस्थित किया गया है यह शंका करता है कि क्या वह वाद लघुवाद न्यायालय द्वारा संज्ञेय है या इस प्रकार संज्ञेय नहीं है वहां वह वाद की प्रकृति के बारे में शंका के लिए अपने कारणों के कथन सहित अभिलेख को उच्च न्यायालय को निवेदित कर सकेगा ।
२) अभिलेख और कथन के प्राप्त होने पर, उच्च न्यायालय उस न्यायालय को वाद में अग्रसर होने के लिए या वादपत्र के ऐसे अन्य न्यायालय में उपस्थित किए जाने के लिए जिसके बारे में वह अपने आदेश द्वारा घोषित करे कि वह न्यायालय वाद का संज्ञान करने के लिए सक्षम है, लौटाने के लिए आदेश दे सकेगा ।
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