सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
आदेश ४७ :
नियम ७ :
नामंजूरी का आदेश अपीलनींय न होगा । आवेदन की मंजूरी के आदेश पर आक्षेप :
१.(१) आवेदन को नामंजूर करने वाले न्यायालय का आदेश अपीलनीय नहीं होगा ; किन्तु आवेदन मंजूर करने वाले आदेश पर आक्षेप, आवेदन मंजूर करने वाले आदेश की अपील द्वारा या वाद में अन्तिम रुप से पारित डिक्री या किए गए आदेश की अपील में, तुरन्त किया जा सकेगा ।)
२) जहां आवेदन, आवेदक के उपसंजात हाने में असफल रहने के परिणामस्वरुप नामंजूर कर दिया गया है, वहां वह नामंजूर किए गए आवेदन को फाइल पर लाए जाने के आदेश के लिए आवेदन कर सकेगा और जहां न्यायालय को समाधानप्रद रुप में यह साबित कर दिया जाता है कि आवेदक उस समय जब ऐसे आवेदन की सुनवाई के लिए पुकार हुई थी, उपसंजात होने से किसी पर्याप्त हेतुक द्वारा निवारित हो गया था वहां न्यायालय खर्चों सम्बन्धी ऐसे निबन्धनों पर या अन्यथा जो वह ठीक समझे, उसके फाइल पर लाए जाने का आदेश करेगा और उसकी सुनवाई के लिए दिन नियत करेगा ।
३) जब तक आवेदन की सूचना की तामील विरोधी पक्षकार पर न हो गई हो कोई भी आदेश उपनियम (२) के अधीन नहीं किया जाएगा ।
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