सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
आदेश ५ :
नियम २६-क :
१.(विदेशों के अधिकरियों को समन का भेजा जाना :
जहां केन्द्रीय सरकार ने राजपत्र में अधिसूचना द्वारा किसी विदेशी राज्यक्षेत्र के बारे में यह घोषणा की है कि उस विदेशी राज्यक्षेत्र में वास्तव में और स्वेच्छा से निवास करने वाले या कारबार करने वाले या अभिलाभ के लिए स्वयं काम करने वाले प्रतिवादियों पर तामील किए जाने वाले समन विदेशी राज्यक्षेत्र की सरकार के ऐसे अधिकारी को जो केन्द्रीय सरकार द्वारा विनिर्दिष्ट किया जाए, भेजे जा सकेंगे वहां समन विदेशी राज्यक्षेत्र की सरकार के ऐसे अधिकारी को जो केन्द्रीय सरकार द्वारा विनिर्दिष्ट किया जाए, भेजे जा सकेंगे वहां समन ऐसे अधिकारी को भारत सरकार के विदेशी मामलों से सम्बन्धित मंत्रालय की मार्फत या ऐसी अन्य रीति से जो केन्द्रीय सरकार द्वारा विनिर्दिष्ट की जाए, भेजे जा सकेंगे और यदि ऐसा अधिकारी किसी ऐसे समन को उसके द्वारा किए गए तात्पर्यित इस पृष्ठांकन के सहित लौटा देता है कि समन की तामील प्रतिवादी पर की जा चुकी है तो ऐसा पृष्ठांकन तामील का साक्ष्य समझा जाएगा ।)
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१. १९७६ के अधिनियम सं. १०४ की धारा ५५ द्वारा (१-२-१९७७ से) नियम २६ के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
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