सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
आदेश ६ :
नियम १० :
विद्वेष, ज्ञान, आदि :
जहां कहीं किसी व्यक्ति के विद्वेष, कपटपूर्ण आशय, ज्ञान या चित्त की अन्य दशा का अभिकथन करना तात्विक है, वहां उन परिस्थितियों को उपवर्णित किए बिना जिनसे उसका अनुमान किया जाना है, उसे तथ्य के रुप में अभिकथित करना पर्याप्त होगा ।
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