सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
आदेश ६ :
नियम १५ :
अभिवचन का सत्यापन :
१) उसके सिवाय जैसा कि तत्समय प्रवृत्त किसी विधि द्वारा अन्यथा उपबन्धित है, हर अभिवचन उसे करने वाले पक्षकार द्वारा या पक्षकारों में से एक के द्वारा या किसी ऐसे अन्य व्यक्ति द्वारा, जिसके बारे में न्यायालय को समाधानप्रद रुप में साबित कर दिया गया है कि वह मामले के तथ्यों से परिचित है, उसके पाद-भाग में सत्यापित किया जाएगा ।
२) सत्यापन करने वाला व्यक्ति अभिवचन के संख्यांकित पैराओं का निर्देश करते हुए यह विनिर्दिष्ट करेगा कि कौन-सा पैरा वह अपने निजी ज्ञान के आधार पर सत्यापित करता है और कौन-सा पैरा वह ऐसी जानकारी के आधार पर सत्यापित करता है जो उसे मिली है और जिसके बारे में उसका यह विश्वास है कि वह सत्य है ।
३) सत्यापन करने वाले व्यक्ति द्वारा वह सत्यापन हस्ताक्षरित किया जाएगा और उसमें उस तारीख का जिसको और उस स्थान का जहां वह हस्ताक्षरित किया गया था कथन किया जाएगा ।
१.(४) अभिवचनों का सत्यापन करने वाला व्यक्ति अपने अभिवचनों के समर्थन में शपथपत्र भी प्रस्तुत करेगा ।)
--------
१. १९९९ के अधिनियम सं. ४६ की धारा १६ द्वारा (१-७-२००२ से ) अन्त:स्थापित ।
INSTALL Android APP
* नोट (सूचना) : इस वेबसाइट पर सामग्री या जानकारी केवल शिक्षा या शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए है, हालांकि इसे कहीं भी कानूनी कार्रवाई के लिए उपयोग नहीं किया जाना चाहिए, और प्रकाशक या वेबसाइट मालिक इसमें किसी भी त्रुटि के लिए उत्तरदायी नहीं होगा, अगर कोई त्रुटि मिलती है तो गलतियों को सही करने के प्रयास किए जाएंगे ।