सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
आदेश ६ :
नियम २ :
१.(अभिवचन में तात्विक तथ्यों का, न कि साक्ष्य का, कथन होगा :
१) हर अभिवचन में उन तात्विक तथ्यों का, जिन पर अभिवचन करने वाला पक्षकार, यथास्थिति, अपने दावे या अपनी प्रतिरक्षा के लिए निर्भर करता है और केवल उन तथ्यों का, न कि उस साक्ष्य का जिसके द्वारा वे साबित किए जाने है, संक्षिप्त कथन अन्तर्विष्ट होगा ।
२) हर अभिवचन आवश्यकतानुसार पैराओं में विभक्त किया जाएगा, जो यथाक्रम संख्यांकित किए जाएंगे । हर अभिकथन सुविधानुसार पृथक पैरा में किया जाएगा ।
३) अभिवचन में तारीखें, राशियां और संख्याएं अंकों और शब्दों में भी अभिव्यक्त की जाएंगी ।)
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१. १९७६ के अधिनियम सं. १०४ की धारा ५६ द्वारा (१-२-१९७७ से) नियम २ के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
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