सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
आदेश ७ :
नियम १० :
१.(वादपत्र का लौटाया जाना :
१) २.(नियम १०-क के उपबन्धों के अधीन रहते हुए, वादपत्र) वाद के किसी भी प्रक्रम में उस न्यायालय में उपस्थित किए जाने के लिए लौटा दिया जाएगा जिसमें वाद संस्थित किया जाना चाहिए था ।
३.(स्पष्टीकरण :
शंकाओं को दूर करने के लिए इसके द्वारा यह घोषित किया जाता है कि अपील या पुनरीक्षण न्यायालय, वाद में पारित डिक्री को अपास्त करने के पश्चात्, इस उपनियम के अधीन वादपत्र के लौटाए जाने का निदेश दे सकेगा ।)
२) वादपत्र के लौटाए जाने पर प्रक्रिया-न्यायाधीश वादपत्र के लौटाए जाने पर, उस पर उसके उपस्थित किए जाने की और लौआए जाने की तारीख, उपस्थित करने वाले पक्षकार का नाम और उसके लौटाए जाने के कारणों का संक्षिप्त कथन पृष्ठांकित करेगा ।
-------
१. यह नियम छोटा नागपूर टेनेन्सी ऐक्ट, १९०८ (१९०८ का बंगाल अधिनियम सं.६) की धारा २६५ के अधीन भाटक की वसूली के लिए वाद को लागू किया गया है ।
२. १९७६ के अधिनियम सं. १०४ की धारा ५७ द्वारा (१-२-१९७७ से) कतिपय शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
३. १९७६ के अधिनियम सं. १०४ की धारा ५७ द्वारा (१-२-१९७७ से) अन्त:स्थापित ।
INSTALL Android APP
* नोट (सूचना) : इस वेबसाइट पर सामग्री या जानकारी केवल शिक्षा या शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए है, हालांकि इसे कहीं भी कानूनी कार्रवाई के लिए उपयोग नहीं किया जाना चाहिए, और प्रकाशक या वेबसाइट मालिक इसमें किसी भी त्रुटि के लिए उत्तरदायी नहीं होगा, अगर कोई त्रुटि मिलती है तो गलतियों को सही करने के प्रयास किए जाएंगे ।