सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
आदेश ७ :
नियम ७ :
अनुतोष का विनिर्दिष्ट रुप से कथन :
हर वादपत्र में उस अनुतोष का विनिर्दिष्ट रुप से कथन होगा जिसके लिए वादी सामान्यत: या अनुकल्पत: दावा करता है और यह आवश्यक नहीं होगा कि ऐसा कोई साधारण या अन्य अनुतोष मांगा जाए, जो न्यायालय न्यायसंगत समझे जो सर्वदा ही उसी विस्तार तक ऐसे दिया जा सकेगा मानो वह मांगा गया हो, और यही नियम प्रतिवादी द्वारा अपने लिखित कथन में दावा किए गए किसी अनुतोष को भी लागू होगा ।
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