सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
परिशिष्ट क :
अभिवचन :
प्ररुप संख्यांक ११ :
विदेशी निर्णय पर :
(शीर्षक)
उक्त वादी क ख यह कथन करता है कि -
१. ता .------------ को ----------राज्य (या डोमिनियम) के ----------- में उस राज्य (या डोमिनियम) के ---------- न्यायालय ने, उस वाद में जो वादी और प्रतिवादी के बीच उस न्यायालय में लम्बित था, सम्यक् रुप से न्यायनिर्णीत किया था कि प्रतिवादी, वादी को ----------- रुपए उक्त तारीख से ब्याज सहित दे ।
२. प्रतिवादी ने उस धन का संदाय नहीं किया है ।
(जैसा प्ररुप संख्यांक १ के पैरा ४ और ५ में है और वह अनुतोष जिसका दावा किया गया है ।)
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