सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
परिशिष्ट क :
अभिवचन :
प्ररुप संख्यांक १६ :
सेवा करने की संविदा का भंग :
(शीर्षक)
उक्त वादी क ख यह कथन करता है कि -
१. ता.------------- को वादी और प्रतिवादी ने परस्पर करार किया कि वादी -------- रुपए के (वार्षिक) वेतन पर प्रतिवादी को नियोजित करेगा और प्रतिवादी (कलाकार) के रुप में वादी की सेवा (एक वर्ष) की अवधि के लिए करेगा ।
२. वादी करार के अपने भाग का पालन करने के लिए सदैव तैयार और रजामन्द रहा है (और ता. -------- को उसने ऐसा करने की प्रस्थापना की ) ।
३. प्रतिवादी उक्त दिन वादी की सेवा में (प्रविष्ट हुआ) किन्तु तत्पश्चात् उसने वादी की उक्त रुप में सेवा करने से ता. ---------- को इन्कार कर दिया ।
(जैसा प्ररुप संख्यांक १ के पैरा ४ और ५ में है, और वह अनुतोष जिसका दावा किया गया है ।)
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