सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
परिशिष्ट क :
अभिवचन :
प्ररुप संख्यांक १७ :
त्रुटिपूर्ण कर्मकौशल के लिए निर्माणकर्ता के विरुद्ध :
(शीर्षक)
उक्त वादी क ख यह कथन करता है कि -
१. ता. ------------ को वादी और प्रतिवादी ने एक करार किया, जिसका मूल दस्तावेज इसके साथ उपाबद्ध है (या संविदा का तात्पर्य लिखिए ) ।
(२. वादी ने करार के अपने भाग की सब शर्तो का सम्यक् रुप से पालन कर दिया है ।)
३. प्रतिवादी ने (करार में निर्दिष्ट गृह का निर्माण बुरे प्रकार से और अकुशलता से किया है ) ।
(जैसा प्ररुप संख्यांक १ के पैरा ४ और ५ में है, और वह अनुतोष जिसका दावा किया गया है ।)
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