सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
परिशिष्ट क :
अभिवचन :
प्ररुप संख्यांक २१ :
कपट द्वारा सम्पत्ति उपाप्त करना :
(शीर्षक)
उक्त वादी क ख यह कथन करता है कि -
१. प्रतिवादी ने वादी को इस बात के लिए उत्प्रेरित करने प्रयोजन से कि वह प्रतिवादी का कुछ माल बेचे ता. -------- को वादी से यह व्यपदेशन किया कि (वह अर्थात् प्रतिवादी शोधक्षम है और उसकी अपने सब दायित्वों से ---------- रुपए अधिक कि मालियत है ।)
२. इससे वादी ---------- रुपए मूल्य की (सूखी वस्तुएं) प्रतिवादी को बेचने (और उनका परिदान करने) के लिए उत्प्रेरित हो गया ।
३. उक्त व्यपदेशन मिथ्या थे (यहां विशिष्ट मिथ्या बातों का कथन कीजिए) और उनका ऐसा होना प्रतिवादी को तब ज्ञात था ।
४. प्रतिवादी ने माल के लिए संदाय नहीं किया है (या, यदि माल का परिदान नहीं किया गया है तो) वादी ने उस माल को तैयार करने और पोत द्वारा भेजने और उसका प्रत्यावर्तीन कराने में ----------- रुपए व्यय किए ।
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