सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
परिशिष्ट क :
अभिवचन :
प्ररुप संख्यांक २३ :
वादी की भूमि के नीचे के जल को प्रदूषित करना :
(शीर्षक)
उक्त वादी क ख यह कथन करता है कि -
१. -------------- नाम से ज्ञात और ------------ में स्थित कुछ भूमि और उसमें कुआं और उस कुएं का जल वादी के कब्जे में है और इसमें आगे उल्लिखित सब समयों पर था और वादी उस कुएं के और उसके जल के उपयोग और फायदे का तथा जल के कुछ स्त्रोतों और धाराओं के, जो उस कुएं में बह कर आती है और उसे जल पहुंचाती है । कुलषित या प्रदुषित किए गए बिना बहते रहने दिए जाने का हकदार है ।
२. ता. -------------- को प्रतिवादी ने कुएं और उसके जल को और जो स्त्रोत और धाराएं कुएं में वह कर आती थीं उनको दोषपूर्वक कलुषित और प्रदूषित किया ।
३. परिणामस्वरुप कुएं का जल अशुद्ध तथा घरेलू और अन्य आवश्यक प्रयोजनों के लिए अनुपयुक्त हो गया और वादी और उसका कुटुम्ब कुएं और जल के उपयोग और फायदे से वंचित हो गए ।
(जैसा प्ररुप संख्यांक १ के पैरा ४ और ५ में है, और वह अनुतोष जिसका दावा किया गया है ।)
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