सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
परिशिष्ट क :
अभिवचन :
प्ररुप संख्यांक २७ :
जल-सारणी को मोडना :
(शीर्षक)
उक्त वादी क ख यह कथन करत है कि -
१. वादी का कब्जा ------------- जिले के ------------ ग्राम के ---------- नाम से ज्ञात (धारा) पर स्थित मिल पर है और इसमें आगे उल्लिखित समय पर था ।
२. ऐसे कब्जे के कारण वादी अपनी मिल को चलाने के लिए उस धारा के प्रवाह का हकदार था ।
३. ता. ------------- को प्रतिवादी ने धारा के किनारे को काटकर उसके जल को दोषपूर्वक मोड दिया जिससे वादी की मिल में पानी कम आने लगा ।
४. इस कारण वादी प्रतिदिन ---------- से अधिक बोरे पीसने में असमर्थ रहा है जब कि जल के उक्त मोडे जाने के पूर्व वह प्रतिदिन --------- बोरे पीस लेता था ।
(जैसा प्ररुप संख्यांक १ के पैरा ४ और ५ में है, और वह अनुतोष जिसका दावा किया गया है ।)
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