सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
परिशिष्ट क :
अभिवचन :
प्रारुप संख्यांक ४ :
युक्तियुक्त कीमत पर विक्रय किया गया और परिदत्त माल :
(शीर्षक)
उक्त वादी क ख यह कथन करता है कि -
१. ता. ----------- को वादी ने प्रतिवादी को (घरेलू फर्नीचर की विविध वस्तुएं) विक्रय की और परिदत्त की किन्तु कीमत के बारे में कोई अभिव्यक्त करार नहीं किया गया ।
२. इस माल का युक्तियुक्त मूल्य ---------- रुपए था ।
३. प्रतिवादी ने इस धन का संदाय नहंीं किया है ।
(जैसा प्ररुप संख्यांक १ के पैरा ४ आर ५ में है, और वह अनुतोष जिसका दावा किया गया है ।)
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