सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
परिशिष्ट क :
अभिवचन :
प्ररुप संख्यांक ४४ :
न्यासों का निष्पादन :
(शीर्षक)
उक्त वादी क ख यह कथन करता है कि -
१. वह ता. ------------ या उसके लगभग की तारीख की व्यवस्थापन लिखत के अधीन, जो व्यवस्थापन प्रतिवादी के पिता और माता ङ च और छ ज के विवाह के अवसर पर किया गया था (या प्रतिवादी ग घ के और ङ च के अन्य लेनदारों के फायदे के लिए ङ च की सम्पदा और चीजबस्त के अन्तरण की लिखत के अधीन), न्यासियों में से एक है ।
२. क ख ने उक्त न्यास का भार अपने ऊपर लिया है और उक्त लिखत द्वारा अन्तरित जंगम और स्थावर सम्पत्ति (या उसके आगम) उसके कब्जे में है ।
३. ग घ लिखत के अधीन फायदाप्रद हित का हकदार होने का दावा करता है ।
(जैसा प्ररुप संख्यांक १ के पैरा ४ और ५ में है ।)
६. वादी उक्त स्थावर सम्पत्ति के सब भाटकों और लाभों का (और उक्त स्थावर सम्पत्ति के या उसके भाग के विक्रय के आगमों का या जंगम सम्पत्ति का या उक्त जंगम सम्पत्ति के या उसके भाग के विक्रय के आगमों का या उक्त न्यास के निष्पादन में से न्यासी के रुप में वादी को प्रोद्भूत होने वाले लाभों का) लेखा देना चाहता है, और प्रार्थना करता है कि न्यायालय उक्त न्यास का लेखा ले, और यह भी कि उक्त सम्पूर्ण न्यास सम्पदा का इस न्यायालय में प्रशासन प्रतिवादी ग घ के और उन सब अन्य व्यक्तियों के, जो ऐसे प्रशासन में हितबद्ध हों फायदे के लिए ग घ की और इस प्रकार हितबद्ध अन्य ऐसे व्यक्तियों की, जिन्हें न्यायालय निदिष्ट करे, उपस्थिति में किया जाए या कि ग घ इसके प्रतिकूल अच्छा हेतुक दर्शित करें ।
(कुपया ध्यान दें - जहां वाद हिताधिकारी द्वारा है वहां वादपत्र वसीयतदार के वादपत्र के नमूने पर, आवश्यक परिवर्तन सहित, तैयार किया जाए ।)
INSTALL Android APP
* नोट (सूचना) : इस वेबसाइट पर सामग्री या जानकारी केवल शिक्षा या शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए है, हालांकि इसे कहीं भी कानूनी कार्रवाई के लिए उपयोग नहीं किया जाना चाहिए, और प्रकाशक या वेबसाइट मालिक इसमें किसी भी त्रुटि के लिए उत्तरदायी नहीं होगा, अगर कोई त्रुटि मिलती है तो गलतियों को सही करने के प्रयास किए जाएंगे ।