सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
परिशिष्ट क :
अभिवचन :
प्ररुप संख्यांक ७ :
युक्तियुक्त दर पर सेवाएं :
(शीर्षक)
उक्त वादी क ख यह कथन करता है कि -
१. ता. ----------- और ता.----------- के बीच -----------में, वादी ने प्रतिवादी की प्रार्थना पर उसके लिए (विविध रेखाचित्र, रुपांकन और आरेख तैयार किए); किन्तु इन सेवाओं के लिए दी जाने वाली राशि के बारे में कोई अभिव्यक्त करार नहीं किया गया था ।
२. इन सेवाओं का युक्तियुक्त मूल्य ----------- रुपए था ।
३. प्रतिवादी ने इस धन का संदाय नहीं किया है ।
(जैसा प्ररुप संख्यांक १ के पैरा ४ और ५ में है, और वह अनुतोष जिसका दावा किया गया है ।)
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