सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
परिशिष्ट क :
अभिवचन :
प्ररुप संख्यांक ८ :
युक्तियुक्त दाम पर सेवाएं और सामग्री :
(शीर्षक)
उक्त वादी क ख यह कथन करता है कि -
१. ता. ------------- को -------------- में वादी ने प्रतिवादी की प्रार्थना पर उसके लिए एक गृह का निर्माण किया (जो ------------- में --------------- प्ररुप संख्यांक के गृह के नाम से ज्ञात है) और उसके लिए सामग्री जुटाई, किन्तु इस काम और सामग्री के लिए दी जाने वाली रकम के बारे में कोई अभिव्यक्त करार नहीं किया गया था ।
२. किए गए काम और प्रदत्त सामग्री का युक्तियुक्त मूल्य ----------------- रुपए था ।
३. प्रतिवादी ने उस धन का संदाय नहीं किया है ।
(जैसा प्ररुप संख्यांक १ के पैरा ४ और ५ में है, और वह अनुतोष जिसका दावा किया गया है ।)
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