नियम ४ : बालक की देखभाल और संरक्षण के बारे में प्रक्रिया :
लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण नियम २०२०
नियम ४ :
बालक की देखभाल और संरक्षण के बारे में प्रक्रिया :
(१) जहां किसी विशेष किशोर पुलिस एकक (इसे इसमें इसके पश्चात (एसजेपीयू) कहा गया है) या स्थानीय पुलिस को अधिनियम की धारा १९ की उप-धारा (१) के अधीन बालक सहित किसी भी व्यक्ति से सूचना प्राप्त होती है, ऐसी सूचना की रिपोर्ट प्राप्त करने वाली एसजेपीयू या स्थानीय पुलिस, रिपोर्ट करने वाले व्यक्ति को तुरंत निम्नलिखित व्यौरा प्रकटित करेगी:
(एक) अपना नाम और पदनाम;
(दो) पता और टेलीफोन नंबर;
(तीन) सूचना प्राप्त करने वाले अधिकारी के पर्यवेक्षक अधिकारी का नाम, पदनाम और संपर्क का व्यौरा।
(२) यदि अधिनियम के उपबंधों के अधीन अपराध होने के बारे में ऐसी कोई सूचना चाइल्ड हेल्पलाइन-१०९८ को प्राप्त होती है, तो चाइल्ड हेल्पलाइन ऐसी सूचना की तुरंत एसजेपीयू या स्थानीय पुलिस को रिपोर्ट करेगी।
(३) जब किसी एसजेपीयू या स्थानीय पुलिस, जैसा भी मामला हो, को अधिनियम की धारा १९ की उप धारा (१) के अधीन अंतर्विष्ट उपबंधों के अनुसार कोई अपराध न किया गया हो या करने का प्रयत्न किया गया हो या किए जाने की संभावना हो, के संबंध में सूचना प्राप्त होती है, तो संबंधित प्राधिकारी करेगा, जहां लागू हो :
(क) दंड प्रक्रिया संहिता, १९७३ (१९७४ का २) की धारा १५४ के उपबंधों के अनुसार प्रथम सूचना रिपोर्ट रिकॉर्ड और दर्ज करने की कार्यवाही, और ऐसी रिपोर्ट करने वाले व्यक्ति को उक्त संहिता की धारा १५४ की उप-धारा (२) के अनुसार उसकी एक प्रति नि:शुल्क प्रतिलिपि देना;
(ख) जहां बालक को अधिनियम की धारा १९ की उप-धारा (५) या इन नियमों के अधीन आपातकालीन चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता हो, तो नियम ६ के अनुसार, बालक की ऐसी देखभाल की पहुंच की व्यवस्था करना;
(ग) अधिनियम की धारा २७ के अनुसार बालक को चिकित्सीय परीक्षा हेतु अस्पताल ले जाना; (घ) यह सुनिश्चित करना कि फोरेंसिक परीक्षणों के प्रयोजनों के लिए एकत्र किए गए नमूनों को तुरंत फोरेंसिक प्रयोगशाला में भेजा जाए:
(ङ) बालक और बालक के माता-पिता या संरक्षक या अन्य व्यक्ति जिस पर बालक को भरोसा और विश्वास है को परामर्श सहित सहायक सेवाओं की उपलब्धता की सूचना देना और इन सेवाओं और अनुतोष प्रदान करने वाले लोगों से संपर्क करने में उनकी सहायता करना;
(च) बालक और बालक के माता-पिता या संरक्षक या अन्य व्यक्ति जिस पर बालक को भरोसा और विश्वास है को अधिनियम की धारा ४० के अनुसार वालक के विधिक सलाह और वकील के अधिकार तथा वकील द्वारा प्रतिनिधित्व किए जाने के अधिकार के बारे में सूचित करना।
(४) जहां एसजेपीयू या स्थानीय पुलिस को अधिनियम की धारा १९ की उप धारा (१) के अधीन सूचना प्राप्त होती है और उसे यह युक्तियुक्त आशंका है कि अपराध बालक के या उसके साझे घर में रहने वाले व्यक्ति द्वारा किया गया या प्रयत्न किया गया या किए जाने की संभावना है, या बालक किसी बाल देखरेख संस्थान में और माता-पिता के बिना रह रहा है, या बालक बेघर या माता-पिता के बिना पाया जाता है, तो संबंधित एसजेपीयू या स्थानीय पुलिस ऐसी रिपोर्ट प्राप्त होने के २४ घंटे के भीतर वाले को संबंधित बालक कल्याण समिति (इसे इसमें इसके पश्चात (सीडब्ल्यूसी) कहा गया है) के समक्ष लिखित कारणों में कि क्या वालक को अधिनियम की धारा १९ की उप-धारा (५) के अधीन देखभाल और सुरक्षा की अपेक्षा है और सीडब्ल्यूसी द्वारा विस्तृत आकलन के अनुरोध सहित प्रस्तुत करेगी।
(५) उप-नियम (३) के अधीन कोई रिपोर्ट प्राप्त होने पर, संबंधित सीडब्ल्यूसी किशोर न्याय अधिनियम, २०१५ (२०१६ का २) की धारा ३१ की उप-धारा (१) के अधीन अपनी शक्तियों के अनुसार, तीन दिनों के भीतर, या तो स्वयं या किसी सामाजिक कार्यकर्ता की सहायता से, यह निर्धारित करेगा, कि क्या बालक को बालक के परिवार या साझा घर की अभिरक्षा से बाहर निकालना और बालक गृह या आश्रय गृह में रखा जाना आवश्यक है। (६) उप-नियम (४) के अधीन निर्धारण करते समय, सीडब्ल्यूसी निम्नलिखित विचारों के संबंध में बालक के सर्वोत्तम हितों के साथ मामले पर बालक द्वारा व्यक्त की गई किसी प्राथमिकता या राय पर को ध्यान में रखेगा, अर्थात् -
(एक) माता-पिता, या दोनों में से एक, या कोई अन्य व्यक्ति जिस पर बालक को भरोसा और विश्वास है, की बालक को चिकित्सा जरूरतों और परामर्श सहित तत्काल देखभाल और संरक्षण आवश्यकता को प्रदान करने की क्षमता;
(दो) वालक के माता-पिता, परिवार और विस्तारित परिवार की देखभाल में रहने और उनके साथ संबंध बनाए रखने की आवश्यकता;
(तीन) बालक की उम्र और परिपक्वता का स्तर, लिंग और सामाजिक तथा आर्थिक पृष्ठभूमि;
(चार) बालक की नि:शक्तता, यदि कोई हो;
(पांच) कोई पुरानी बीमारी, जिससे बालक पीडित हो सकता है;
(छह) बालक या बालक के परिवार के सदस्य सहित पारिवारिक हिंसा का कोई इतिहास; और,
(सात) कोई अन्य सुसंगत कारक जो बालक के सर्वोत्तम हितों पर असर डाल सकते हैं:
परंतु ऐसा निर्धारण करने से पूर्व, इस तरह से जांच की जाएगी कि बालक को अनावश्यक रूप से चोट या असुविधा न पहुंचे।
(७) बालक और बालक के माता-पिता या संरक्षक या कोई अन्य व्यक्ति जिस पर बालक को भरोसा और विश्वास है और जिसके साथ बालक रह रहा है, जो ऐसे निर्धारण से प्रभावित होता है, को सूचित किया जाएगा कि ऐसे निर्धारण पर विचार किया जा रहा है।
(८) सीडब्ल्यूसी, अधिनियम की धारा १९ की उप-धारा (६) के अधीन रिपोर्ट प्राप्त करने पर या उप-नियम (५) के अधीन किए गए उसके निर्धारण के आधार पर, बालक और बालक के माता-पिता या संरक्षक या वह व्यक्ति जिस पर बालक का भरोसा और विश्वास है की सहमति से जांच और परीक्षण की प्रक्रिया के दौरान बालक को हरसंभव तरीके से सहायता प्रदान करने के लिए एक सहायक व्यक्ति उपलब्ध करा सकता है, और बालक को एक सहायक व्यक्ति उपलब्ध कराने के बारे में एसजेपीयू या स्थानीय पुलिस को तुरंत सूचित करेगा।
(९) सहायक व्यक्ति हर समय उस बालक से संबंधित सभी सूचनाओं, जिन तक उसकी पहुंच है की गोपनीयता बनाए रखेगा और वह बालक और बालक के माता-पिता या संरक्षक या अन्य व्यक्ति जिस पर बालक को भरोसा और विश्वास है, को उपलब्ध सहायता, न्यायिक प्रक्रियाओं और संभावित परिणामों सहित मामले की कार्यवाही के बारे में सूचित करेगा। सहायक व्यक्ति बालक को न्यायिक प्रक्रिया में सहायक व्यक्ति की भूमिका के बारे में भी सूचित करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि अभियुक्त के संबंध में बालक की सुरक्षा के बारे में बालक को होने वाली किसी भी चिंता और सहायक व्यक्ति द्वारा बालक की गवाही देने के तरीके से संबंधित अधिकारियों को सूचित किया जाए।
(१०) जहां बालक को कोई सहायक व्यक्ति उपलब्ध कराया जाता है, तो एसजेपीयू या स्थानीय पुलिस ऐसा दायित्व सौंपने के २४ घंटे के भीतर विशेष अदालत को लिखित में सूचित करेगी।
(११) बालक और बालक के माता-पिता या संरक्षक या वह व्यक्ति जिस पर बालक को भरोसा और विश्वास है, के अनुरोध पर सीडब्ल्यूसी द्वारा सहायक व्यक्ति की सेवाएं समाप्त की जा सकती हैं, और समाप्ति का अनुरोध करने वाले बालक को ऐसे अनुरोध का कोई कारण बताना आवश्यक नहीं होगा। विशेष अदालत को ऐसी सूचना लिखित में दी जाएगी।
(१२) सीडब्ल्यूसी जांच के पूरा होने तक सहायक व्यक्ति से शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य पर केंद्रित पारिवारिक स्थिति और आघात से बचाव की दिशा में प्रगति सहित बालक की स्थिति और देखभाल के संबंध में मासिक रिपोर्ट मांगेगा; मनोवैज्ञानिक देखभाल और परामर्श सहित बालक को आवश्यकता-आधारित निरंतर चिकित्सा सहायता सुनिश्चित करने के लिए, सहायक व्यक्ति के समन्वय से, चिकित्सा देखभाल सुविधाओं के साथ संलग्न करेगा; और बालक की शिक्षा को पुनः चालू करना, या जारी रखना, या अपेक्षित होने पर बालक को नए स्कूल में शिफ्ट करना सुनिश्चित करेगा।
(१३) बालक और बालक के माता-पिता या संरक्षक या अन्य व्यक्ति जिसमें वालक को भरोसा और विश्वास है, और सहायक व्यक्ति नियुक्त किए जाने पर ऐसे व्यक्ति को, अभियुक्त की गिरफ्तारी, फाईल आवेदनों और न्यायालय की अन्य कार्यवाहियों सहित, घटनाक्रम के बारे में सूचित करना एसजेपीयू, या स्थानीय पुलिस की जिम्मेदारी होगी।
(१४) एसजेपीयू या स्थानीय पुलिस भी बालक और बालक के माता-पिता या संरक्षक या अन्य व्यक्ति जिस पर बालक को भरोसा और विश्वास है को अधिनियम या तत्समय लागू किसी अन्य विधि के अधीन उपलब्ध उनकी हकदारियों और सेवाओं के बारे में प्ररूप-क के अनुसार सूचित करेगी यह प्रथम सूचना रिपोर्ट रजिस्ट्रीकृत करने के २४ घंटों के भीतर प्ररूप-ख में प्रारंभिक निर्धारण रिपोर्ट को पूरा करेगा और इसे सीडब्ल्यूसी को प्रस्तुत करेगी।
(१५) बालक और बालक के माता-पिता या संरक्षक या अन्य व्यक्ति जिस पर बालक को भरोसा और विश्वास है, को एसजेपीयू, स्थानीय पुलिस, या सहायक व्यक्ति द्वारा प्रदान की जाने वाली सूचना सम्मिलित है, किंतु निम्नलिखित तक सीमित नहीं है :
(एक) सार्वजनिक और निजी आपातकालीन और संकटकालीन सेवाओं की उपलब्धता;
(दो) आपराधिक अभियोजन में शामिल प्रक्रियात्मक कदम;
(तीन) पीडित के प्रतिकर लाभों की उपलब्धता;
(चार) पीडित को सूचित करने के औचित्य और अंबेषण में हस्तक्षेप नहीं करेगा, के विस्तार तक अपराध के अंवेषण की प्रास्थिति;
(पांच) संदिग्ध अपराधी की गिरफ्तारी;
(छह) संदिग्ध अपराधी के विरुद्ध आरोप फाईल करना;
(सात) न्यायालय की कार्यवाहियों की अनुसूची जिसमें बालक का या तो उपस्थित होना अपेक्षित है या तो वह भाग लेने का हकदार है:
(आठ) अपराधी या संदिग्ध अपराधी की जमानत, निर्मुक्ति या निरोध की प्रास्थिति;
(नौ) परीक्षण के पश्चात अधिमत का प्रतिपादन; और
(दस) अपराधी को अधिरोपित दंडादेश।
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